वहां से फरार होने के बाद तीनों आरोपी कानपुर देहात (Rasulabad Kanpur Dehat) के रसूलाबाद के तुलसीपुर गांव स्थित रामजी के घर कई घंटे तक रुके थे। एसटीएफ ने दहशतगर्दों के सात मददगारों को सोमवार को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में पता चला है कि बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय ने 3 जुलाई को तड़के तीन से चार बजे के बीच शिवली निवासी दोस्त विष्णु कश्यप को फोन कर बुलाया। इसके बाद विष्णु अपने दोस्त छोटू की कार लेकर कैलई रोड तिराहा पहुंचा।
प्रभात, विकास दुबे और अमर को विष्णु अपने जीजा रामजी के घर ले गया। यहीं से तीनों ने रामजी के पिता के जय गुरुदेव वाले कुर्ते पहने और शाम को करियाझाला में संजय परिहार की बगिया पहुंचे। इसके बाद अर्पित मिश्रा ने तीनों को अपने ट्यूबवेल में ठहराया। देर शाम मंगलपुर निवासी शुभम पाल तीनों को अपने ठिकाने पर ले गया। जिसके बाद 5 जुलाई की शाम तीनों जय गुरुदेव के अनुयायी वाले कपड़े पहने शुभम की कार से औरैया पहुंचे। इसके बाद दिल्ली और फरीदाबाद पहुंचे थे।