मायावती ने कर्नाटक का बनाया प्रभारी, अशोक सिद्धार्थ ने जेडीएस के साथ मिलकर की रैलियां, दलित बाहूल्य सीटों पर भाजपा को कमजोर किया
कानपुर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो
मायावती ने कानपुर जोन के फर्रूखाबाद निवासी राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को वहां का प्रभारी बनाया था। सिद्धार्थ सिंह ने जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के साथ गठबंधन करवाने में अहम रोल अदा किया। दलित बाहूल्य सीटों पर मायावती के रैलियां कावाई गई, जिसके चलते कर्नाटक में बसपा का खाता खुला और सहयोगी दल के पास 38 से ज्यादा विधानसभा सीटों में जीत या बड़त मिली। पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से भाजपा के साथ ही कांग्रेस, जेडीएस और बसपा के नेता अंदरखाने विधानसभा में संख्याबल के लिए जोर आजमाइश करने में लगे हुए हैं। वहीं बसपा प्रभारी ने अशोक सिद्धार्थ ने बेंगलुरू से पत्रिका से खास बातचीत के दौरान बताया कि कुमारस्वामी के नेतृत्व में कर्नाटक में अगली सरकार बनेगी। लेकिन दलित को रोकने के लिए भाजपा विपक्ष के विधायकों से संकर्प बनाने शुरू कर दिए है और धनबल, सत्ताबल के चलते वह कर्नाटक की कुर्सी पर बैठना चाहती है। जबकि जनता ने इनके खिलाफ मैंडेड दिया है।
कर्नाटक में बदले समीकरणकर्नाटक विधानसभा चुनाव के अब तक आए रुझान और नतीजों में बीजेपी के बहुमत के पास आकर अटकने से स्थिति बेहद रोचक हो गई है। कांग्रेस ने मौके पर चौका मार बीजेपी को सत्ता हासिल करने से रोकने के लिए बड़ा दांव चला है। उसने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इस बीच बीजेपी ने भी सक्रिय होते हुए अपने तीन सीनियर नेताओं प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और
धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक रवाना कर दिया है। इसी के चलते बसपा प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित शाह किसी भी कीमत पर कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी को जोर लगाए हुए हैं। विपक्ष व निर्दलीय विधायकों से भाजपा के नेताओं ने सपंर्क बनाने शुरू कर दिए हैं। हम राष्ट्रपति और राज्यपाल से मांग करते हैं कि जिसके पास स्पष्ट बहुमत हो उसे सरकार बनाने का न्योता दें।
20 सीटों पर लड़ी थी चुनावएक के बाद एक राजनैतिक विफलताओं के बाद बहुजन समाज पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वक्त एच.डी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। राज्य की 224 सीटों में से बसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ी। बसपा के प्रदेश प्रभारी अशोक सिद्धार्थ और ने कहा कि यह गठबंधन 2019 के लोकसभा तक जारी रहेगा। बसपा के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने बताया कि कर्नाटक में कई सीटों पर बसपा को 15 हजार तक वोट मिलते रहे हैं। 2018 में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ने के साथ ही एक सीट पर बसपा का उम्मीवार जीता है। बसपा और जेडीएस लोकसभा चुनाव में संप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए एक साथ आएंगी। साथ ही हम चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भी गठबंधन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार बनने पर बसपा सरकार में भी शामिल होगी।
तीनों दलों के नेता गर्वनर से मिलेंगेबसपा प्रभारी ने कहा कि हम जनादेश को स्वीकार करते हैं। उसके समक्ष नतमस्तक हैं। सरकार बनाने के लिए हमारे पास आंकड़े नहीं है। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेडीएस को समर्थन देने की पेशकश की है।’ कहा , बसपा कांग्रेस और जेडीएस संयुक्त रूप से आज शाम को गवर्नर से मुलाकात करेंगे और जीत के बाद आए विधयकों की संख्या लेकर उनके पास सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। सिद्धार्थ सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी बात कही। बसपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस को अब समझना होगा कि बिना छोटे दलों के सहयोग के वो भाजपा को अकेले नहीं हरा सकती। यदि कांग्रेस, बसपा और जेडीएस मिलकर कर्नाटक में चुनाव लड़ते तो बसपा दस का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकती। कांग्रेस के लिए कर्नाटक का चुनाव बड़ी सीख है और आगे आने वाले अन्य राज्यों के चुनाव में उसे क्षेत्रीय दलों का सहयोग लेना ही होगा।
भाजपा के इस खेल से डरे सिदार्थ कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं, जिनमें 222 पर मतदान हुआ है। ऐसे में बहुमत के लिए अभी 112 और बची 2 सीटों पर भी चुनाव होने पर 113 सीटों की दरकार होगी। अब तक रुझान और नतीजों में बीजेपी के पास 104, कांग्रेस के पास 78, जेडीएस के पास 37, बीएसपी के पास 1 और अन्य के पास 2 सीटें हैं। गौर करने वाली बात यह है कि अभी पूरे नतीजे नहीं आए हैं और अधिकतर के रुझान ही सामने हैं। ऐसे में यह आंकड़ा घट-बढ़ भी सकता है। यदि कर्नाटक जनता पार्टी, बीएसपी और एक अन्य बीजेपी को समर्थन करते हैं तो वह 107 पर पहुंचेगी, लेकिन बहुमत से तब भी 5 सीट दूर ही रहेगी। ऐसे में यदि बीजेपी को बहुमत जुटाना है तो उसे जेडीएस को साथ लेना ही होगा। या फिर जोड़तोड़ करनो होगा। इसी के चलते कर्नाटक बसपा प्रभारी ने पूरे नजीते आने के पहले भाजपा पर जोड़तोड की बात कह दी है।