भाजपा के इस नेता पर लगा आरोप, अस्पताल के चार चिकित्सकों ने की त्यागपत्र की पेशकश
सत्ता के हनक के चलते कानपुर देहात में स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है

कानपुर देहात. सत्ता के हनक के चलते कानपुर देहात में स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। जिसके चलते आज चिकित्सा अधीक्षक समेत तीन महिला चिकित्सकों ने इस्तीफा दे दिया है। कानपुर देहात के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुखरायां में तैनात चिकित्सकों की माने तो एक महीने से महिला डॉक्टरों के साथ भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष विजय मिश्रा अपने गुर्गों के साथ बर्बरता करते थे। जिससे आज क्षुब्ध होकर हम सभी ने इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी के कार्यकर्ताओ में सत्ता का नशा इस तरह चढ़ा है कि ये लोग चिकित्सकों के साथ बदसलूकी करते है। हद तब हो गयी जब मुख्य चिकित्सक कार्यालय में भी इन चिकित्सकों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सामने ही महिला चिकित्सकों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुखरायां में बीजेपी के इन नेताओं ने धमक दिखाते हुए अपने गुर्गों के साथ जाकर चढ़ाई कर दी और धमकी दे डाली। भाजपाइयों के इन बर्ताव और धमकियों के डर के चलते चारों डॉक्टरों ने इस्तीफा देने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपनी पार्टी के कार्यकर्ता और विधायकों को निर्देश दिये थे कि किसी भी तरीके से सरकारी विभागों में अधिकारियों के ट्रांसफर या उनके कामों में दखल अंदाजी नहीं देंगे। लेकिन कानपुर देहात में बीजेपी से रसूलाबाद विधानसभा के उपाध्यक्ष विजय मिश्रा की दबंगई के कारण पुखरायां सीएचसी में तैनात चार डाक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। जिनमें सीएचसी प्रभारी डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अनीता कुमारी, डॉ. सुनीता गौतम व आरती सिंह ने सीएमो को पत्र लिखकर इस्तीफा की मांग की है। क्योकि विजय मिश्रा ने चिकित्सकों को धमकी दी है कि सीएसी में अपने 100 लोगों के साथ आकर चढ़ाई करेंगे। जिसके बाद से चारों डॉक्टरों नें अपने आप को असुरक्षित समझ कर सीएओ को इस्तीफे की मांगकर पत्र लिखा है।
दरअसल पूरा मामला यह है कि पुखरायां सीएचसी में पिछले एक माह से एक घटना को लेकर अनबन चल रहा है। सीएचसी में ही तैनात चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात महिला ने चिकित्सा अधिकारी शिवम पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। जिसकी जांच डॉ. अनीता कुमारी, सुनीता गौतम कर रही थी। जिसकी जांच भी चल रही थी, लेकिन स्टाफ नर्स पूनम पटेल चिकित्सा आधिकारी के पक्ष में आ गई और गवाहों को प्रवाहित करने की कोशिश की थी।
साथ ही उल्टा सीएचसी के ही प्रभारी डॉ. संजीव कुमार व महिला चिकित्सा पर आरोप लगाए है। उन आरोपों की जांच जिलाधिकारी द्वारा अतिरिक्त मजिस्ट्रेट द्वारा अंजू वर्मा को दी गई थी और उनकी जांच लगभग पूरी हो चुकी थी। जिसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को देने के लिए हम गए थे, लेकिन जैसे ही हम आफिस पहुंचे तो वहां पर पहले से ही बीजेपी नेता विजय मिश्रा बैठे हुए थे, जो सीएमओ से खुद बोलने लगे यह अधीक्षक नहीं नेता है।
वही डॉ. संजय ने बताया कि जांच में अगर हम लोग सही है तो पूनम पटेल पर कार्रवाई की जाए। जिसको लेकर बीजेपी के नेता विजय मिश्रा धमकी दे रहे है कि कल सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र पुखरायां में अपने गुर्गों के साथ जा कर चढ़ाई की बात कही। जिसके भय के चलते चार डॉक्टरों ने इस्तीफा देने के लिये सीएमो को पत्र लिखकर भेजा है।
वही जिला उपाध्यक्ष विजय मिश्रा ने बताया कि सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में गरीबों के लिए मुफ्त दवाओं की समुचित व्यवस्था की गई है। जिसके लिए करोड़ों रुपये दिए जाते है उन्होंने कहा कि जिले के पुखरायां व रसूलाबाद सीएचसी में सबसे अधिक महिलाओं का प्रसव होता है लेकिन चिकित्सकों की मनमानी के चलते उन्हें दर दर भटकना पड़ता है।
वही अस्पताल के चिकित्सक अस्पताल के बाहर बने दो मेडिकल स्टोर से आने वाले मरीजों के पर्चे पर दवा लिखकर लाने को बोलते है जिससे गरीब मायूस होकर लौट जाते है और इलाज के लिए जूझते रहते है। इस सभी समस्याओं को लेकर मैंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव सहित कानपुर देहात के सीएमओ से शिकायत की थी जिसके एवज में पुखरायां अधीक्षक सहित महिला चिकित्सकों ने आरोप लगाए है जो निराधार है।
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