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तीन ट्रायल में विपक्ष को मिली थी बड़ी जीत , इस प्लॉन से अमित शाह खिलाएंगे कमल

locationकानपुरPublished: Jul 04, 2018 03:41:14 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

दो दिवसीस दौरे के लिए यूपी पहुंचे अमित शाह, कानपुर-बुंदेलखंड के आईटी सेल के सदस्यों को यूपी आईटी प्रमुख राय देंगे जीत का मंत्र

bjp president amit shah will address the IT cell meeting 2 days in up

तीन ट्रायल में विपक्षियों को मिली थी फतह, इस प्लॉन से अमित शाह खिलाएंगे कमल

कानपुर। गुजराज से निकल कर दिल्ली की कुसी पर कब्जा करने के लिए नरेंद्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में उतरे। कानपुर से शंखदान रैली कर मुलायम और मायावती के साथ कांग्रेस के गढ़ को ढहा, वहां कमल खिलाया। भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में विराजमान हो गई। पीएम मोदी का विजयी रथ इसके बाद भी नहीं रूका और एक-कर कई राज्यों में विपक्षी दलों को पटखनी देकर वहां जीत दर्ज की। इसी के चलते बिहार में लालू यादव, नीतीश कुमार और राहुल गांधी ने गठबंधन कर भाजपा के खेमें में खलबली मचा। परिणाम रहा कि यहां से भाजपा चुनाव हार गई। इस विजय के बाद राजनीतिक दलों ने गिलवे शिकवे भुलाकर कर्नाटक और यूपी लोकसभा उपचुनाव में एक साथ आए और तीनों ट्रायल सफल रहे। बीजेपी के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष इन्हीं फार्मूले पर महागठबंधन बनाकर चुनावी समर में उतरता है, तो पीएम मोदी और अमित शाह चौथे ट्रायल को नाकाम करने के लिए जुट गए हैं। इसी के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यूपी में प्रवेश कर चुके हैं और काशी में बैठकर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बना रहे हैं।
गठबंधन के खिलाफ अहम औजार
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ’मोदी लहर’ पर सवार होकर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी. इसका नतीजा था कि देश से कांग्रेस का सफाया हो गया और राज्यों से क्षत्रप का. यूपी में बसपा और आरएलडी जीरो पर सिमट गई, जबकि सपा अपने कुनबे तक को नहीं बचा पाई। वहीं, बिहार में आरजेडी और जेडीयू दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाई. इसके अलावा हरियाणा में आईएनएलडी महज दो सीट ही जीत सकी थी। हालांकि क्षेत्रीय पार्टियों में ममता बनर्जी, नवीन पटनायक और जयललिता ही अपना किला बचा सके थे। इसी का नतीजा है कि मोदी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होकर अपना खोया हुआ वजूद पाना चाहते हैं। यूपी में अखिलेश और मायावती के गठबंधन के ऐलान के बाद भगवा बिग्रेड डरी है और इसे नाकाम बनाने के लिए अमित शाह ने यूपी की धरती पर अपने कदम बढ़ा दिए हैं। वो काशी में भाजपा आईटी सेल की आज बैठक करेंगे, जहां तीन क्षेत्रों के सेल के मेंबर मौजूद रहेंगे। जबकि गुरूवार को आंगरा में अमित शाह कानपुर-बुंदलेखंड के आईटी सेल के मेंबर्स को जीत का मंत्र देंगे।
आईटी सेल के गुरू राय पढ़ाएंगे ककहरा
भाजपा प्रदेश कार्यालय में यूपी के तीन कानपुर-बुंदेलखंड, आगरा और अवध प्रान्तों के आईटी सेल प्रमुखों के साथ यूपी आईटी सेल के प्रख्ु संजय राय ने बैठक ली। बुधवार को अमित शाह और यूपी आईटी सेल के प्रमुख संजय राय तीन प्रान्तों के भाजपा आईटी टीम के सदस्यों का साथ बैठक कर उन्हें सोशल मीडिया का ककहरा पढ़ाएंगे। राय ने बताया कार्यक्रम का उद्देश्यय भाजपा एवं उसकी विचाराधारा से जुडे़ उन लोगों से सम्पर्क करना है जो पार्टी के कार्यकर्ता तो नही है लेकिन विचारधारा के समर्थक जरूर हैं और स्वैच्छिक रूप से सोशल मीडिया पर भाजपा एवं उसकी विचारधारा का समर्थन करते हैं। राय ने बताया कि क्योंकि सोशल मीडिया पर कोई भी अपना पक्ष स्वतंत्र रूप से रख सकता है। किसी भी सामान्य व्याक्ति की अभिव्यकक्ति का सबसे सरल माध्यम आज सोशल मीडिया बन चुका है इसलिये पार्टी की ये योजना है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय भाजपा समर्थकों से सम्पर्क कर उनके माध्यम से सरकार एवं पार्टी की योजनाओं का विस्तार किया जाए।
इसके चलते पड़ी जरूरत
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से करारी मात खाने के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार और कांग्रेस आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आए। 2015 में तीनों दल महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़े तो बीजेपी चारों खाने चित हो गई। विपक्ष को पहली बार मोदी को हराने का फॉर्मूला मिला। फिर गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बसपा ने सपा को समर्थन किया. इसका नतीजा रहा कि सीएम और डिप्टी सीएम अपनी-अपनी सीट नहीं बचा सके। इसके बाद कैराना में आरएलडी को सपा, बसपा, कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष का साथ मिला, तो बीजेपी को यहां भी हार का मुंह देखना पड़ा। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और जेडीएस अलग होकर चुनावी मैदान में उतरे थे। चुनावी नतीजे आए तो किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. हालांकि बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन बहुमत से महज 7 सीटें दूर थी। ऐसे में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस ने जेडीएस से हाथ मिला लिया। . इसी का नतीजा था कि बीजेपी सरकार बनाने से महरूम रह गई।
आगरा में सीखेंगे सोशल मीडिया की बारीकियां
कानपुर-बुंदेलखंड के आईटी सेल प्रमुख सौरभ बाजपेयी ने बताया कि गुरूवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और यूपी मीडिया सेल प्रमुख संजय राय आगरा में बैठक कर सोशल मीडिया की बारीकियों से हमलोगों को अवगत कराएंगे। सौरभ बाजपेयी ने बताया कि हमारे क्षेत्रीय कार्यालय अंशल भवन फजलगंज में आईटी की टीम काम कर रही है। लेकिन 2019 चुनाव में पार्टी सेल को और हाईटेक बनाने जा रही है। इसी के कारण कानपुर-बुंदंलखंड के छह लोग गुरूवार को आगरा में मौजूद रहेंगे। सौरभ बाजपेयी ने बताया कि कानपुर में हमारी टीम बेहतर कार्य कर रही है। हां ग्रामीणा और बुंदेलखंड के जिलों में सेल कमजोर है। जिसे दुरूस्त कर पीएम मोदी औी सीएम योगी की योजनाएं सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाई जाएंगी।

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