वरिष्ठ महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि लंबी दूरी तक मार करने वाली ये देश की पहली स्वदेशी आर्टिलरी गन है, जो प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया का जीता जागता उदाहरण है। निर्माणी के अपर महाप्रबंधक राजीव जैन ने बताया कि धनुष का विकास सौ फीसदी स्वदेशी संसाधनों से किया गया है। इस तोप में इनर्शियल नेवीगेशन आधारित साइटिंग सिस्टम, ऑटो लेइंग सुविधा, ऑनबोर्ड बैलिस्टिक गणना और दिन-रात में सीधी फायरिंग की सुविधा है। बॉल बैग और बाई माड्यूलर सिस्टम के प्रयोग के कारण इस तोप की रेंज बढ़ गई है।
बोफोर्स की मारक क्षमता 29 किलोमीटर है जबकि धनुष 38 किलोमीटर दूर तक वार कर सकती है। धनुष लगातार छह घंटे तक गोले दागने में सक्षम है। प्रति मिनट दो गोले दागती है, जो बोफोर्स की तुलना में लगभग 30 फीसदी बेहतर है। कठिन से कठिन परीक्षण में भी सभी गोले पांच मीटर के दायरे में गिरे, जो दुनियाभर के आयुध मानकों में सर्वश्रेष्ठ है। धनुष 55 डिग्री सेल्सियस से लेकर -60 डिग्री सेल्सियस में काम कर सकती है। इसके बैरल का वजन 2692 किलो है और लंबाई आठ मीटर है।