है। कैनोला एक प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाला पौधा नहीं है, बल्कि रेपसीड पौधा से आता है जो सरसों परिवार का हिस्सा है। हालांकि, कैनोला तेल काफी लोकप्रिय खाना पकाने का तेल है। इसकी महक प्राकृतिक होती है और इसमें संतृप्त वसा (सेचुरेटेड फैट) बहुत कम पाई जाती है। कैनोला तेल में सिर्फ सात प्रतिशत संतृप्त वसा होती है। साथ ही इसमें मोनोसेचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट बहुत अधिक मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ई भी बहुत अधिक होता
कैनोला ऑयल हृदय को स्वस्थ रखता है और शरीर की सूजन को कम करता है। अस्थमा और अर्थराइटिस जैसे रोगों के इलाज में भी उपयोगी है। इसका सेवन करने से शरीर का मेटाबोलिज्म बेहतर होता है। यह कैंसर के जोखिम को कम करने में बहुत लाभकारी होता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डायबिटीज से पीडि़त मरीज यदि कैनोला ऑयल का सेवन करें तो इस ऑयल के सेवन से उनके शरीर में ब्लड ग्लूकोज का लेवल कम होता है। सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इस ऑयल में कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखते हैं और उम्र बढऩे के साथ यादाश्त कमजोर होने की समस्या को भी दूर करते हैं। कैनोला ऑयल सिर की त्वचा और बालों को पोषण प्रदान करता है और रूसी की समस्या को दूर कर देता है।
कैनोला तेल या कैनोला शॉर्ट उत्पादन को कानपुर के आस-पास के जिलों में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों के लिए खेतों में ही यूनिट लगाने पर जोर रहेगा। दरअसल कैनोला तेल विभिन्न प्रकार के रेपसीड से प्राप्त किया जा रहा है, जिसमें हानिकारक एसिड की मात्रा कम होती है। कैनोला की डिमांड दिल्ली और मुम्बई में अधिक है। कानपुर और उसके आस-पास इसका बेहतर उत्पादन किया जा सकता है।