56 बेड की क्षमता वाले एलएलआर हॉस्पिटल के आईसीयू में अभी 30 बेड पर ही गंभीर मरीज भर्ती किए जाते हैं. इसमें भी सभी बेडों पर वेंटीलेटर सपोर्ट नहीं है. कुछ बेडों पर बाईपेप मशीनें और मॉनीटर भी लगाए गए हैं, जोकि एक तरह से हाई डेंसिटी यूनिट की तरह काम करते हैं. ऐसे बेड सबसे ज्यादा दवाएं आईसीयू में हैं. हालांकि आईसीयू पूरी क्षमता पर चले इसके लिए प्रमुख सचिव कॉलेज प्रशासन से कह चुके हैं.
मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के हेड प्रो. अपूर्व अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने एनेस्थीसिया व सर्जरी आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए उनके बेड पर ही इको व अल्ट्रासाउंड जांच करने की सुविधा शुरू कर दी है. मेडिसिन आईसीयू में भी इस सुविधा को शुरू किया जाना है. इसके लिए रेडियोडायग्नोसिस विभाग से जेआर की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा किडनी के मरीजों के लिए जल्द ही बेड साइड डायलिसिस भी शुरू किया जाएगा.
इस बारे में जीएसवीएम में एचओडी एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी प्रो. अपूर्व अग्रवाल कहते हैं कि हैलट के आईसीयू में ज्यादातर समय 100 प्रतिशत बेड ऑक्यूपेंसी होती है. आईसीयू की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत 6 बेड एनेस्थीसिया आईसीयू में बढ़ाए जाएंगे. यहां आपको एक बार फिर से बता दें कि एलएलआर हॉस्पिटल के आईसीयू को जल्द ही 6 नए बेड मिल जाएंगे. इसके बाद बेड की संख्या 36 हो जाएगी.