२७ वर्षीय श्रेयान जब प्रियंका थे तब उनके इरादों के बारे में परिवार के लोगों को पता नहीं था। जब पहली सर्जरी हुई और शरीर की बनावट में बदलाव शुरू हुआ तो उसने मम्मी-पापा को पूरी बात बताई। जिसे सुनकर उन्हें धक्का जरूर लगा पर बाद में वे उसके समर्थन में आ गए और दूसरी सर्जरी के लिए खर्च में भी मदद की।
प्रियंका स्कूल स्तर पर बॉक्सिंग की चैंपियन रहीं और बॉक्सिंग की कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। जिसके बाद प्रियंका को महिला स्पोर्ट ट्रेनर की नौकरी मिल गई। ३५ हजार तनख्वाह वाली नौकरी में प्रियंका ने पैसे बचाए जो जेंडर चेंज कराने के लिए सर्जरी में काम आए। उनकी तीनों सर्जरी नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. भीम नंदा की देखरेख में हुई। जेंडर परिवर्तन की इस प्रक्रिया में छह से सात लाख रुपए खर्च हुए।
श्रेयान इन दिनों जेजेडीयू झुंझनू राजस्थान से फिजिकल एजुकेशन में पीएचडी कर रहे हैं। शोध डिग्री मिलने के बाद कोच बनने का सपना है। श्रेयान को भरोसा है कि शोध पूरा होने के बाद कहीं न कहीं नौकरी मिल ही जाएगी। वह प्रोफेसर बनना चाहते हैं।
प्रियंका अब श्रेयान हैं। उन्होंने अपने सभी रिकार्ड में नाम और जेंडर भी चेंज करा लिया है। वह गर्व से कहते हैं कि बचपन में जैसा मससूस किया उसे बड़ा होने पर पूरा कर लिया। बोले पता नहीं शहर में इससे पहले किसी ने जेंडर बदलवाया है या नहीं, पर मामला सामने नहीं आया। पर मुझे इस पर गर्व है।