शरीर के तापमान की है अहम भूमिका दरअसल हमारे शरीर को कितने तापमान की आवश्यकता है, ये हम नहीं जान पाते हैं, लेकिन खुद को संतुष्ट करने के लिए बिना जानकारी किये खाते पीते रहते हैं, जो बेहद हानिकारक है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे शरीर के अनुकूल हमें 20 से 22 डिग्री तापमान वाला ही पानी पीना चाहिए। इस तापमान से ज्यादा गर्म या इससे ज्यादा ठंडा पानी सेहत को कहीं न कहीं प्रभावित करता है। बहुत कम लोगों को ये जानकारी होती है कि पानी जितना ठंडा होता है, वह उतना ही अधिक भारी होता है। उसे पचने में उतना ही अधिक समय लगता है। जो कहीं न कहीं हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे होने वाली हानियों से बचना हमारे लिए आवश्यक है।
बर्फ के पानी पीने से होने वाले नुकसान 1-ठंडा पानी पचने में बहुत अधिक वक्त लेता है. इसके परिणामस्वरूप ऐसा पानी पी लेने के बाद भूख लगने की नेचुरल प्रक्रिया प्रभावित होती है.
2-बर्फ वाला पानी पीने से हमारे शरीर के अंदर धमनियों पर असर पड़ता है। ठंडे पानी के प्रभाव से वह सिकुड़ जाती है जो बहुत हानिकारक है। 3-बहुत अधिक ठंडा पानी पी लेने के बाद उसे पचाने में ज्यादा वक्त लगता है। दरअसल पानी के पाचन से पूर्व शरीर की आंतरिक क्रियाएं उस पानी को शरीर के तापमान के बराबर लाती है और उसके बाद उसका पाचन होता है। जिससे पाचन देर से होता है, इससे पोषण मिलने में काफी समय लगता है।
4-हर बार बहुत अधिक ठंडा या बर्फ वाला पानी पीने से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी बुरा असर पड़ता है। जिसकी वजह से ऐसा पानी पीने वालों को अधिकांश सर्दी और जुकाम जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, जिससे बीमारी बनने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
5-हम जानते हैं कि बहुत अधिक ठंड से वस्तुएं जम जाती हैं। रेफ्रिजरेटर इसका स्पष्ट उदाहरण है। कुछ ऐसी प्रक्रिया शरीर के अंदर भी होना स्वाभाविक है। जब हम बहुत अधिक ठंडा पानी पियेंगे तो मल सख्त हो जाता है। इससे पेट साफ होने में समस्याएं आती है, जिससे बवासीर या फिर आंतों में घाव की समस्या हो सकती है।