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कानपुर

चीन को नहीं आता गुड़ से चॉकलेट बनाना, भारत से सीखेगा

-कानपुर शर्करा संस्थान के डायरेक्टर को मेल भेजकर मांगी मदद, – श्रीलंका भी गन्ने से उत्पाद बनाने की विधि सीखने का इच्छुक

कानपुरJan 02, 2018 / 07:11 pm

आलोक पाण्डेय

sugar cane
आलोक पाण्डेय
कानपुर. चाइनीज टेक्नालॉजी पर इठलाना भूल जाइए। हिंदुस्तान के पड़ोसी चीन को गुड़ से चॉकलेट बनाना नहीं आता है। पड़ोसी देश की कानपुर से मनुहार है कि वह गुड़ से चॉकलेट और केक बनाने का तरीका समझाए। इसके साथ ही चीन ने गन्ने की खोई से चीनी बनाने का तरीका भी पूछा है। चीन ने कानपुर शर्करा संस्थान को ई-मेल भेजकर हांगकांग में स्पेशल क्लास के जरिए चाइनीज विशेषज्ञों को नायाब गुर समझाने के लिए न्योता है। चीन के साथ-साथ दूसरे पड़ोसी श्रीलंका ने भी कानपुर से गन्ने के जरिए विविध आइटम बनाने का हुनर सीखने में दिलचस्पी दिखाई है।
चीन की सबसे बड़ी कंपनी सिमॉन लियू ने भेजा खत

सिमॉन लियू की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी शुगर कंपनियों में होती है। चाइनीज कंपनी सिमॉन लियू के हांगकांग मुख्यालय ने कानपुर शर्करा संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेंद्र मोहन से आग्रह किया है कि वह एक सप्ताह की स्पेशल क्लास के जरिए चाइनीज शुगर विशेषज्ञों को स्पेशल शक्कर बनाने का तरीका समझाने के साथ-साथ गुड़ से चॉकलेट और केरिमल केक बनाने की विधि भी बताएं। इसके साथ ही चीन ने गन्ने की खोई से शक्कर बनाने की विधि में भी उत्सुकता दिखाई है। चीन ने भी यह भी पूछा है कि गन्ने से शक्कर बनाने के बाद शोधित पानी का क्या-क्या इस्तेमाल संभव है। चीन के साथ-साथ श्रीलंका भी हिंदुस्तान की काबिलियत से अपने विशेषज्ञों को काबिल बनाना चाहता है।
जकार्ता में हिंदुस्तानी टेलेंड देखकर चीन हुआ था दंग

अपनी टेक्नालॉजी पर इतराने वाला पड़ोसी मुल्क चीन बीते सप्ताह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 23वीं आईबीसी एशिया इंटरनेशनल शुगर कांफ्रेंस के दौरान भारतीय हुनर को देखकर दंग हो गया था। जकार्ता में कानपुर शर्करा संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने गन्ने की खोई की मदद से डिटर्जेंट और बिजली बनाने के अलावा पानी को पीने योग्य बनाने की तकनीक के बारे में विस्तार से बताया था। इसी दौरान गुड़ से चॉकलेट और केक बनाने के बारे में हिंदुस्तानी प्रतिनिधिमंडल से बताया था। भारत के हुनर को देखकर कांफ्रेंस में आए दुनियाभर के विशेषज्ञ काफी प्रभावित हुए थे। इसी कांफ्रेंस के बाद सिमॉन लियू ने कानपुर शर्करा संस्थान को ई-मेल भेजकर मदद मांगी है। श्रीलंका से एमएस शुगर ने एनएसआई को ई-मेल किया है।
शर्करा संस्थान के शोध से दुनिया के देश अचंभित

चीन और श्रीलंका के न्योते के बाद नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट यानी राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने कहाकि एनएसआई ने शुगर टेक्नोलॉजी, गुणवत्ता और उत्पादन के क्षेत्र में काफी काम किया है। इसी कारण दुनिया के कई बड़े देश भी दंग हैं और अब साथ मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। फिलहाल चीन और श्रीलंका से उनके प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसके बाद चीन के साथ तकनीक के हस्तांतरण को लेकर भारत की नीति के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।
गुड़ वाली चॉकलेट से डायबिटीज रोगियों को दिक्कत नहीं

आम तौर पर चाकलेट में काफी मात्रा में कोका, दुग्ध पाउडर, मक्खन, परिष्कृत शक्कर और अधिक कैलोरी वाले स्वादिष्ट बनाने वाले पदार्थ होते हैं। बाजार में मौजूद चाकलेट के कारण दांत खराब होने, दांत में कैविटी होने और डायबीटिज जैसी समस्याएं एवं बीमारी का खतरा रहता है। गुड़ से बनने वाली चॉकलेट में चूंकि परिष्कृत शक्कर का इस्तेमाल नहीं होता है, ऐसे में डायबिटीज का खतरा नहीं रहता है। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में गुड़ को तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने, एनीमिया को रोकने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बताया गया है। यह पर्यावरण के विषाक्त पदार्थों से शरीर की रक्षा भी करता है। कैल्शियम, फॉस्फोरस और लोहे जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत होने के कारण यह फेफड़ों के कैंसर की आशंका को भी कम करता है।

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