डॉक्टरों का कहना है कि सिगरेट-गुटखा में 620 तरह के घातक रसायन पाए जाते हैं जो इम्युनिटी को प्रभावित करते हैं। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्र के मुताबिक किसी तरह का नशा और कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट, कोरोना वैक्सीन का रिस्पांस कम कर देता है। अभी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग रही है। इस पर देश दुनिया में रिसर्च चल रहे हैं। इसलिए वैक्सीनेशन के बाद अधिक सावधानी बरतें।
डल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. जीके मिश्र के मुताबिक वैक्सीन की पहली डोज लेने पर कुछ लोगों को बुखार की शिकायत होती है। इससे घबराएं नहीं। यह बेहतर संकेत है। ऐसे लोगों में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया वैक्सीन लगने के साथ शुरू हो जाती है। इसे केमिकल रिएक्शन के दौरान बेहतर इम्युन रिस्पांस का संकेत माना गया है। पान मसाला और सिगरेट वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। अब तक कई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि ऐसे लोगों पर किसी भी बीमारी की दवाएं कम असर करती हैं।
डॉ. जीके मिश्र अपर निदेशक स्वास्थ कानपुर मंडल ने बताया कि वैक्सीन लगवाने वालों को पान मसाला, गुटखा, शराब समेत स्टेरायड युक्त खानपान से बचना चाहिए। इस तरह की सतर्कता सम्बंधी गाइडलाइन भी है, मगर लोग इसे पूरी तरह फालो नहीं कर रहे हैं। वैक्सीन सेंटरों पर लोगों को सतर्क किया जाएगा।