पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश की कोर कमेटी ने लोकसभा सीटों के लिए महानगर से जो नाम दिल्ली भेजे थे उनमें जोशी का नाम नहीं है। इससे आशंका जताई जा रही है कि शायद जोशी को इस बार चुनाव मैदान में न उतारा जाए।
बताया जा रहा है कि अभी तक पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने दिल्ली में मुरली मनोहर जोशी से टिकट को लेकर कोई चर्चा नहीं की है। दूसरी ओर यह भी पता चला है कि जोशी से इस बार चुनाव में न उतरने की अपील की गई थी। उनसे कहा गया कि वे पार्टी के मार्गदर्शक बन संगठन को मजबूत करें।
पार्टी नेताओं में सतीश महाना के नाम को लेकर चर्चा चल रही है। महाना प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और सात बार के विधायक भी हैं। पहले भी वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उन्हें टिकट दिए जाने को लेकर संगठन में चर्चा चलती रही। महाना ने बताया कि अभी तक उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद ही स्थिति साफ होगी।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने एक निजी एजेंसी के जरिए सभी सांसदों की लोकप्रियता का सर्वे कराया था। जिसमें कानपुर के सांसद जोशी की लोकप्रियता कम मिली। लोगों की शिकायत थी कि उन्होंने सांसद बनने के बाद कानपुर को कम समय दिया। इसी कारण उनकी टिकट कटने की चर्चा है।