प्रभाकर पांडेय सिकंदरा विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। प्रभाकर के पिता बिधूना से विधानसभा प्रत्याशी रह चुके हैं।
कानपुर महानगर सीट सपा के हिस्से में आयी है, लिहाजा पार्टी यहां मजबूत प्रत्याशी उताने की तैयारी में है। अभी तक यहां से वैश्य बिरादरी के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने की चर्चा थी, क्योंकि व्यापारी वर्ग अच्छी खासी संख्या में यहां पर है, पर महानगर लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, इसलिए प्रभाकर को कानपुर महानगर सीट से भी चुनाव लड़ाया जा सकता है।
प्रभाकर पांडेय के कांग्रेस छोडऩे से पार्टी को झटका लगा है। चुनाव से पहले पार्टी के किसी कद्दावर नेता का यूं पार्टी छोडऩे ने नेताओं में हलचल है। कानपुर की लोकसभा सीटों पर कांग्रेस पहले ही गुटबाजी से परेशान है, किसी भी प्रत्याशी के नाम पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है, इसी बीच पार्टी के नेता का टूट जाना नेताओं को अखर गया है।