कई शहरों के मजदूर
शनिवार को कानपुर के मेजर सलमान बस अड्डे पर करीब दो सौ से ज्यादा लोगांे का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस को जब जानकारी हुई तो मौके पर पहुंचकर सबको सोशल डिस्टेंस में बैठाकर उनको खाना उपलब्ध करवाया। अलीगढ़ से अपने 21 साथियों के साथ कानपुर पहुंचे मेघनाथ साहनी ने बताया कि सभी लोग एक प्लांट में काम करते थे । लाकडाउन होने के बाद प्लांट बंद कर दिया गया,जिससे सभी लोग अलीगढ़ से पैदल चलकर कानपुर पहुंचे हैं। इनमें से किसी को देवरिया,गोंडा बरेली व कई अन्य जगहों पर जाना हैं। लेकिन पुलिस ने सभी को बस अड्डा पर रोक लिया और जल्द ही उनके पैतृक निवास भेजने की व्यवस्था में जुट गई।
नहीं मिली रोटी
देवरिया के रहने वाले राहुल ने बताया कि 26 तारीख के बाद से उन्हें रोटी नसीब नहीं हुई। बिसकुट के जरिए पेट भरकर दो दिन से पैदल कर कानपुर पहुंचे हैं। राहुल ने कहा कि यदि अलीगढ़ में रहते तो भूख से ही मर जाते। सरकार से मांग है कि हमें देवरिया भेजा जाए। कहते हैं, गांव में कम से कम खाने-पीने की कोई न कोई व्यवस्था हो जाएगी। हम जो खाना बांधकर चले थे, उसी से काम चला रहे हैं। सुबह व शाम के वक्त ज्यादा चलते हैं, ताकि अधिक धूप से बच्चे बीमार नहीं हो सकें।
जानकारी होने पर पहुंचे बस अड्डा
झकरकटी बस अड्डे पर करीब दो सौ से ज्यादा मुसाफिर बसों के इंतजार में बैठे थे। मुसाफिरों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि सरकार ने बस सेवा बहाल कर दी है। इसी के चलते पत्नी व बच्चों के साथ पनकी से पैदल चलकर बस अड्डे पहुंचे, लेकिन यहां से बस सेवाएं नहीं चल रहीं। अरविंद ने कहा कि जिला प्रशासन को तत्काल हमारे घरों में भेजने के लिए वाहनों की व्यवस्था कराए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कईयों की मौत तय हैं।