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कानपुर

सीएसजेएमयू में शुरू हुआ कोविड-१९ का कोर्स, वेबसाइट पर लोड हो रहे लेक्चर

वायरस के खतरे, लक्षण और सुरक्षा के उपायों से किया गया जागरूक मदरसा बोर्ड भी ईद के बाद बच्चों को देगा कोरोना वायरस की शिक्षा

कानपुरApr 15, 2020 / 01:35 pm

आलोक पाण्डेय

सीएसजेएमयू में शुरू हुआ कोविड-१९ का कोर्स, वेबसाइट पर लोड हो रहे लेक्चर

सीएसजेएमयू में शुरू हुआ कोविड-१९ का कोर्स, वेबसाइट पर लोड हो रहे लेक्चर

कानपुर। वर्ष २०२० में अगर किसी ने पूरी दुनिया को सबसे ज्यादा प्रभावित किया तो वह है कोविड-१९ यानि कोरोना वायरस। इस वायरस का खौफ हर तरफ है। इंटरनेट की दुनिया में भी आज सबसे ज्यादा सर्च इसी वायरस को लेकर किया जा रहा है। इसे देखते हुए जरूरी हो गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो और इससे सुरक्षित रहने के उपायों का अधिक प्रसार हो सके। यही वजह है कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने कोविड-१९ और इम्युनिटी को अपने कोर्स में शामिल कर लिया है।
वेबसाइड पर लोड हो रहे लेक्चर
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में कोविड-19 व इम्युनिटी विषय पर पढ़ाई शुरू हो चुकी है। विवि की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का पहला लेक्चर वेबसाइट पर अपलोड हो चुका है। इसी तरह रोजाना अलग-अलग शिक्षकों के वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। जिसमें इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर योग तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
लक्षणों के बारे में बताया गया
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने वीडियो लेक्चर के जरिए छात्रों को कोविड-19 के प्रति आगाह किया। बताया, यह वायरस एक बहुत ही सूक्ष्म है जो लिपिड और प्रोटीन से बना है। यह मनुष्य में तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करता है। इस समय इसका कोई इलाज नहीं है और कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में हमें वैक्सीन बनाने की जरूरत है।
बचाव के तरीके भी बताए गए
कुलपति ने बताया कि तक वैक्सीन नहीं बनती है तब तक हम अपनी नियमित जीवन शैली, योगा, ध्यान एवं पूर्ण निद्रा से अपने को संतुलित रखना होगा। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन करना चाहिए। बादाम, सेब, लहसुन, पालक, दही, काजू, तरबूज, हल्दी, संतरे का सेवन करें।
मदरसा तालीमी बोर्ड भी हुआ राजी
सीएसजेएमयू की तर्ज पर दीनी (मजहबी) तालीम देने वाले मदरसों में भी कोरोना को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों को कोरोना के बारे में जानकारी देना और इससे सावधान रहने के तरीकों की जानकारी देना है। इसमें शरई (इस्लामी) मामलों को भी शामिल किया जाएगा। यह फैसला दीनी तालीमी बोर्ड ने लिया है।
ईद के बाद शुरू होगा सत्र
देवबंद से जुड़े दीनी तालीमी बोर्ड के हल्के के इंचार्ज और शहर काजी मौलाना मतीनुल हक ओसामा कासिमी ने बताया कि वायरस का असर सभी धार्मिक स्थलों पर भी पड़ा है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को इसके बारे में बताया जाए। फिलहाल मदरसों में सत्र समाप्त हो चुका है। ईद के बाद नया सत्र शुरू होगा। तब तक बोर्ड की बैठक कर इसमें आम राय बना ली जाएगी।

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