नूडल्स और सलाद में ज्यादातर इस्तेमाल होने वाली शिमला मिर्च अब एनीमिया दूर करने का प्रमुख स्रोत बनेगी। सीएसए के वैज्ञानिकों ने सेहतमंद गुणों से भरपूर शिमला मिर्च तैयार की है। इसे वातानुकूलित पॉलीहाउस में उगाया गया। सीएसए में तैयार यह फसल पूरी तरह से केमिकल मुक्त है। इसमें विटामिन, फाइबर और बीटा कैरोटीन भरपूर हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका पौधा सामान्य पौधों से बड़ा और 10-11 फल लगते हैं।
शिमला मिर्च का वजन अधिकतम १५० से 190 ग्राम तक मिलता है, लेकिन सीएसए में तैयार की गई नई प्रजाति की एक मिर्च लगभग 300 ग्राम की है। यह वजन और भी बढ़ सकता है। सब्जी विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह और वैज्ञानिक डॉ. राजीव के मुताबिक शिमला मिर्च की यह प्रजाति पहाड़ों पर पैदा होती है मगर पॉलीहाउस तकनीक से इसका बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है। फल गूदेदार, मोटा, घण्टीनुमा होता है जिसमें उभार कम है। इसके साथ ही तीखापन भी सामान्य की अपेक्षा कम या नहीं के बराबर है। किसानों को इसका डेमो दिखाया जाएगा ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके।
वैज्ञानिक डॉ. राजीव के मुताबिक अभी यह जांच नहीं की गई है कि सामान्य की अपेक्षा खनिज तत्वों की मात्रा इसमें कितनी बढ़ी है। मगर यह तय है कि समान्य की अपेक्षा अधिक है। क्योंकि इस शिमला मिर्च में पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए जैविक खनिज तत्वों का छिडक़ाव किया गया है ताकि बोरान, आयरन और जिंक की मात्रा फल में बढ़ाई जा सके। दो क्यारियों में इसे लगाया गया है जबकि आमतौर पर यह फसल तीन क्यारियों में लगाई जाती है। शिमला मिर्च के बीजों की बुआई करने से पूर्व जैविक ट्रीटमेंट दिया गया है।