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कानपुर

सीएसए में हॉस्टल वार्डेन और छात्रों के बीच तनातनी और बढ़ी

फोन पर वार्डेंन और शिक्षकों को दी जा रही धमकी,बाहरी छात्र हास्टल छोडऩे को नहीं हो रहे तैयार

कानपुरMay 03, 2019 / 01:45 pm

आलोक पाण्डेय

csa hostal kanpur

सीएसए में हॉस्टल वार्डेन और छात्रों के बीच तनातनी और बढ़ी

कानपुर। बाहरी छात्रों के हास्टल में कब्जा करने वाले मामले को लेकर चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में तनाव पहले से ही था, उस पर १७ अप्रैल को छात्रावास में हुई मारपीट की घटना ने आग में घी का काम किया है। इस घटना में आरोपित छात्र के निष्कासन के बाद स्थिति काबू से बाहर हो गई है। छात्रों ने अब हास्टल वार्डेन और विवि के अन्य अधिकारियों को फोन पर धमकाना शुरू कर दिया है। विवि प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी है।
ढिलाई के मूड में नहीं विश्वविद्यालय
छात्र निष्कासित किए गए साथी की वापसी को लेकर दबाव बना रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। विवि प्रशासन बवाल में शामिल दो अन्य छात्रों पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद उनका भी निष्कासन संभव है। इसके लिए जांच कमेटी बना दी गई है। डीन प्रो. डीआर सिंह का कहना है कि अनुशासन तोडऩे वाले किसी भी छात्र को छोड़ा नहीं जाएगा। मारपीट की घटना में शामिल छात्र आकाश गौड़ को हास्टल से निष्कासित किया गया, लेकिन अब उसे एक वर्ष तक विवि की परवीक्षा में रहना होगा। अगर दोबारा वह किसी घटना में शामिल मिला, तो कड़ी कार्रवाई होगी।
धमकी मिलने से शिक्षकों-वार्डन में खौफ
छात्रों ने अलग-अलग फोन करके शिक्षकों से अभद्रता की है। जिससे शिक्षक इतना खौफ में हैं कि वह खुलकर छात्रों का नाम नहीं बता रहे हैं, हालांकि पुलिस को इस सम्बंध में गोपनीय जानकारी दी गई है। निष्कासित छात्रों ने कई शिक्षकों को देख लेने की धमकी दी है। पूर्व में हुई कई मारपीट में शामिल आरोपित छात्र अपने स्तर से धमका रहे। एक हास्टल वार्डेन का कहना है कि वह रात में हास्टल निरीक्षण को नहीं जा रहे हैं। कहीं छात्र उन पर हमला न कर दें। एक अन्य प्रोफेसर का कहना है कि अंत:वासी छात्रों की आड़ में कोई दूसरा भी हमला कर सकता है।
बाहरी छात्रों का कब्जा
अभी भी सैकड़ों की संख्या में छात्र हास्टल में डटे हैं। छात्रों ने बेहद चालाकी से एनओसी ले ली मगर हास्टल नहीं छोड़ा। छात्रावास जिस नए छात्र को आवंटित हुआ उसे डराकर वहीं डेरा बनाए हुए हैं। एक हास्टल वार्डेन का कहना है कि कोचिंग मंडी के छात्र अलग रह रहे हैं, पीजी और पीएचडी की तैयारी करने वाले छात्र अलग रह रहे ऐसे में संख्या बता पाना मुश्किल है कि कितने हास्टल में रह रहे हैं। कुछ प्रमुख छात्रावासों में ऐसे एक सैकड़ा छात्रों की पहचान की गई है।

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