सीएसजेएमयू ने परीक्षा फॉर्म भरने के लिए जिस नेशनल एकेडमिक डिपॉजटरी (नैड) पोर्टल को तैयार करवाया, वह विवि अब छात्रों और प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। विवि प्रशासन द्वारा नैड पर पंजीकरण के लिए कॉलेजों के कर्मियों का बाकायदा प्रशिक्षण भी कराया गया, मगर कॉलेज में जब छात्रों ने पंजीकरण शुरू किया तो वह फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं। कॉलेज संचालकों का कहना है कि अभी इसे समझने में बहुत दिक्कत आ रही है। विवि में कोई इससे जुड़ी शिकायत सुनने के लिए तैयार नहीं है। उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी का कहना है कि मौजूदा समय को देखते हुए नैड पोर्टल विवि का एक सराहनीय प्रयास है। हालांकि अभी इसकी प्रक्रिया समझने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विवि से आए दिन ही अंकतालिका का गलत उपयोग, सत्यापन के दौरान लापरवाही के मामले सामने आते हैं। इसीलिए इस पोर्टल को तैयार कराने की जरूरत पड़ी। अब इस पोर्टल के माध्यम से छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन अंकतालिका भी उपलब्ध कराई जा सकेगी। अफसरों का कहना है इससे अंकतालिका संबंधी फर्जीवाड़ा पूरी तरह से रुक जाएगा। इसके अलावा जिन कॉलेजों से परीक्षा फॉर्म भराने में खेल किया जाता है। उन पर भी अंकुश लगेेगा। सीएसजेएमयू के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा है कि जिन कॉलेज संचालकों को नैड पोर्टल पर काम करने में परेशानी हो रही है, वह विवि में आकर अपनी बात कह सकते हैं।