कानपुर. पाठा के जंगलों में इनदिनों ‘ददुआ इज बैक’ के बूटों की आवाज फिर से सुनाई देनी शुरू कर दी है। कभी डकैत ददुआ का शार्प शूटर रहा बबुली कोल का 51 गांवों में तांडव जारी है। 5 हजार से बढ़ाकर इस शूटर से बना डकैत के सिर पर ढाई लाख का इनाम यूपी सरकार ने रखा है। बबुली कोल को आदिवासी अपना हीरो मानते हैं और इसकी 51 गांवों में सल्तनत चलती है। 16 साल की उम्र में उसे चोरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन दस्यू ददुआ ने उसकी जमानत करवाकर अपने गैंग में शामिल कर लिया। ददुआ को बांदा, चित्रकूट, मानिकपुर के आदिवासी बहूल्य के लोग पूजते थे। वह इनके लिए मसीहा हुआ करता था। ददुआ और डकैत बलखड़िया के मारे जाने के बाद बबुली ने गैंग की कमान अपने हाथों में ले ली। यूपी और एमपी इसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती सहित लगभग 70 मामले दर्ज हैं।
ददुआ के इनकाउंटर में मारे जाने के बाद गैंग की कमान उसी के समाज के डकैत बलखड़िया ने संभाल ली। उस समय आधे से ज्यादा गैंग के सदस्य बबुली कोल को अपना सरगना बनाने के लिए खुलकर विरोध किया था। लेकिन बलखड़िया के चलते उनकी नहीं चली। बताया यह भी जाता है कि बबुली कोल ने ही बलखड़िया को मौत के घाट उतारने के बाद गैंग की कमान संभाली थी। आदिवासी समुदाय का होने के कारण बबुली कोल आदिवासियों के बीच काफी पैठ रखता है। सूत्रों के अनुसार, बबुली ने कई आदिवासी गांवों में के युवाओं को गैंग में शामिल कर लिया है। खूंखार डकैत सुदेश पटेल उर्फ बलखड़िया की मौत के बाद गैंग का सबसे सक्रिय सदस्य बबुली कोल गैंग के विस्तार में जुट गया है। सूत्रों के अनुसार, जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे कोल आदिवासी बबुली को अपना हीरो मानते हैं। गैंग में पटेल जाति के डकैत कम हो गए हैं, ऐसे में अब बबुली कोल अपने समुदाय के युवाओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। चित्रकूट के बीहड़ों का इतिहास गवाह रहा है कि दस्यु सरगनाओं को अपनी जाति के लोगों का खुला समर्थन प्राप्त होता है और दस्यु सरगना इस बात का बखूबी फायदा उठाते आए हैं।
प्रेमिका के लिए खाई थी इस डकैत में गोली
मारकुंडी थानाक्षेत्र के डोडामाफी निवासी रामचरन का बेटा बबली कोल चित्रकूट के बड़े डकैतों ठोकिया और बलखड़िया के गिरोह से जुड़ा था। वह डकैत गिरोह का सक्रिय सदस्य था। डोडामाफी में हुए नरसंहार और जवानों के साथ मुठभेड़ के दौरान भी बबुली मौजूद था। दो साल पहले बबुली ने अचानक गैंग छोड़ दिया और अपनी प्रेमिका के साथ जाकर रहने लगा। इस वजह से उसका गैंग के अन्य डकैतों से विवाद हो गया लेकिन बबुली ने अपनी सूझबूझ से सबको फिर मना लिया। प्रेमिका के चक्कर में उसकी अपने ही गांव के कुछ लोगों से दुश्मनी हो गई। जिसमें हुई गोलीबारी में एक गोली बबुली को भी लगी थी।
मोबाइल से नहीं लेटर पैड से करता वसूली
पाठा के जंगलों में रहने वाला इनामी डकैत बबुली मोबाइल फोन का इस्तमाल नहीं करता, बल्कि अपने लेटर पैड से वसूली करता है। बबुली के गैंग के डकैत बुदंलेखंड के गांव-गांव जाकर बबुली का लेटर पैड व्यापारियों, उद्योगपतियों और ज्वेलरी का काम करने वाले लोगों को बाटते हैं। इसके बाद रंगदारी वसूली जाती है। चित्रकूट पुलिस को पिछले दिनों छापेमारी के दौरान पाठा के जंगलों में छापामारी के दौरान दस्यु सरगना बबुली कोल का लेटर पैड भी मिला था। इसका इस्तेमाल दस्यु सरगना रंगदारी वसूली के लिए करता है। दबाव पड़ने पर दस्यु गिरोह पत्थर की दीवार की आड़ लेकर भाग निकला। पुलिस ने घेराबंदी की लेकिन बबुली हाथ नहीं लगा।