बता दें कि कानपुर देहात के अकबरपुर, रूरा, मुंगीसापुर, डेरापुर आदि स्थानों से सीएनजी बसें चलती हैं। ये बसें जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए कानपुर पहुंचती हैं। इनमें अकबरपुर व रूरा से चलने वाली बसों की संख्या अधिक है, लेकिन मुंगीसापुर व डेरापुर के लिए एक या दो बसें ही संचालित हो रही हैं। इस सभी रूटों पर बसों के साथ ही कई डग्गामार वाहन भी चलते हैं, जो बसों के आने से पहले ही यात्रियों को ढोना शुरू कर देते हैं। बसों के आने के बाद यह आगे आगे दौड़कर न सिर्फ बसों की सवारियां काटते हैं बल्कि दुर्घटनाओं का सबब भी बने रहते हैं।
यहां तक कि सात सवारियों वाले छोटे डग्गामार वाहनों के चालक 11-11 सवारियों तक को बिठाते हैं। यात्री भी बसों की तुलना में किराया कम होने के कारण इन वाहनों में अपनी जान की परवाह किए बिना बेहिचक होकर बैठते हैं। जिसके चलते बसों को पर्याप्त सवारियां नहीं मिल पाती और बस मुनाफे की जगह नो प्राफिट नो लॉस पर संचालित हो रही हैं। शाम के समय बसों का संचालन बंद होने के कारण यात्री मजबूरन इन्हीं वाहनों का सहारा लेते हैं। जो अक्सर हादसे का शिकार होकर यात्रियों की जान तक खतरे में डाल देती हैं।