किसानों ने पहले तो माती स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देते हुए किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जमकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने जिला मुख्यालय से नबीपुर तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद नबीपुर गांव के पास झांसी नेशनल हाईवे को जाम कर जाम कर दिया। किसानों के इस विशाल प्रदर्शन को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिला। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए किसान बिलो को किसान विरोधी और काला कानून बताया, जिसको वापस लेने की मांग किसानों ने केन्द्र सरकार से की। साथ ही किसान बिल वापस न होने पर प्रदर्शन आगे भी जारी रखने की भी चेतावनी दी।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विपिन तिवारी की माने तो केन्द्र सरकार ने जो किसानों से संबंधित बिल पारित कराए हैं वे किसान विरोधी हैं। इन बिलों के पास हो जाने के बाद किसान भुखमरी की कगार में आ जाएगा। किसान बंधुआ मजदूर की तरह हो जाएगा। जिसके चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर इन बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। यदि किसान बिलों को वापस नहीं लिया गया तो राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश पर किसानों का प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। वहीं किसान बिलों के विरोध में किसानों के विशाल प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखाई दिया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार, एसडीएम अकबरपुर आनन्द कुमार और सीओ संदीप सिंह के साथ मौके पर मौजूद रहे। वहीं प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस बल भी मौजूद रही।