अभी तक महानगर के बड़े से बड़े पुस्तकालय में एक लाख के आसपास ही किताबें हैं, लेकिन डिजिटल लाइब्रेरी में सभी विषयों को समाहित करते हुए डेढ़ करोड़ से अधिक किताबें मौजूद होंगी। इनमें इतिहास, विज्ञान, साहित्य, धर्म संग तकनीकी संस्थानों की भी पाठ्य पुस्तकें शामिल रहेंगी। इसके लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल), आइआइटी कानपुर, बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहूजी महाराज और दिल्ली विश्वविद्यालय से लिंक हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। एनडीएल और आइआइटी ने सहमति दे दी है। इन लिंक पर जाते ही ऑनलाइन की गईं किताबें कंप्यूटर स्क्रीन पर होंगी। डिजिटल लाइब्रेरी में फिलहाल सात कंप्यूटर लगाए जाएंगे।
डिजिटल लाइब्रेरी में वाई-फाई, एलसीडी प्रोजेक्टर, बार कोड स्कैनर, प्रिंटर, वीडियो कैमरा भी होगा, ताकि जरूरत पडऩे पर विशेषज्ञ से सीधा संपर्क भी किया जा सके। प्रिंटर से किताब की बेहद कम दरों पर फोटोकॉपी की सुविधा भी होगी। संगठन के उपाध्यक्ष डॉ.धीरेंद्र कुमार दोहरे ने बताया कि यहां पर इस तरह की व्यवस्था की गई है ताकि छात्रों सभी जरूरी विषयों से संबंधित किताबें पढऩे के लिए मिल सकें। इसके अलावा आईआईटी व अन्य तकनीकी संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले विषयों की पुस्तकें भी शामिल होंगी। साथ ही धार्मिक गं्रथों और महान विचारकों के संदेश वाली किताबों को भी यहां पर पढऩे की सुविधा होगी।