दीनदयाल व लोहिया ने की थी गंगा पर बहस, हमारी बेटी उमा ने ली सुध: जोशी
कहा कि अब हमें पूरा विश्वास है कि गंगा का जल जल्द निर्मल होगा, केमिकल
नहीं बहेगा क्योंकि हमारी उमा बेटी ने इस काम का बीड़ा उठाया है, जिसे मैं
जनता हूं, वह पूरा करने के बाद ही दम लेगी।
कानपुर. गंगा की दुर्दशा तो 70-75 साल पहले ही शुरू हो गर्इ थी, लेकिन राजनीति और राजनेता कभी गंगा पर बहस करने को तैयार नहीं हुए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय व लोहिया ने गंगा को लेकर बहस की शुरुआत की, लेकिन उनकी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसका परिणाम है कि विश्व की दस बड़ी नदियां अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रही हैं और इन्हीं में से एक गंगा है। पहली बार किसी नेता ने गंगा के लिए जमीन स्तर पर काम किया, वह हमारी उमा बेटी है। यह बात शुक्रवार को नमामि गंगा योजना के शुभारंभ के दौरान गंगा बैराज स्थित कानपुर के सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी ने कही।
डॉक्टर जोशी ने कहा कि आजादी के बाद कई सरकारें आईं, योजना बनी, करोड़ों रुपए गंगा के नाम पर बहा दिए गए, पर हकीकत में गंगा आज भी मैली है। जोशी ने बताया कि हमारा जन्म गंगा की पवित्र नगरी उत्तराखंड में हुआ। हम पहली बार वहीं से सांसद चुने गए। दूसरी, तीसरी और चौथी बार भी गंगा के किनारे बसे शहर से जनप्रतिनिधि बनने का गौरव मिला, लेकिन जितनी गंगा कानपुर में मैली मिली, उतनी अन्य जगहों पर दिखी।
बाबा के सपने को सकार करेगी बेटी
सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अब हमें पूरा विश्वास है कि गंगा का जल जल्द निर्मल होगा, केमिकल नहीं बहेगा क्योंकि हमारी उमा बेटी ने इस काम का बीड़ा उठाया है, जिसे मैं जनता हूं, वह पूरा करने के बाद ही दम लेगी। हमारा सपना है कि 2018 तक गंगा का पानी, जल बन जाए। इसके लिए बेटी उमा जी जान से लगी हुई हैं। जोशी के मुताबिक हरिद्वार से लेकर ढांका तक गंगा में अस्मिक तत्व की मात्रा बढ़ती जा रही है। इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। कानपुर में जब से कपड़ा उद्येग बंद हुआ और चमड़े ने दस्तक दी, उसी दिन से गंगा मिटनी शुरु हो गई।
रहम करोगे, तभी अाबाद रहेगी गंगा
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि देश के चालीस करोड़ लोगों की जीवन दायनी गंगा तभी खुश होगी, जब हम आप इस पर रहम करेंगे। गंगा के जल से बिजली बनाई जा रही है, नहरों में इसी का पानी जाता है, यहां तक आज की तारीख में 80 फीसदी किचन में गंगा का पानी ही मिलता है। सरकारों को इस पर विचार कर गंगा के बोझ को कम करना चाहिए। बिजली के लिए सोलर प्लांट, पानी के लिए लघु सिंचाई जैसी व्यवस्था करनी चाहिए।
उमा का देते रहेंगे साथ, जागरुक बने
सांसद ने कहा कि हमारा सपना है कि गंगा हमारे कार्यकाल के दौरान निर्मल हो। मिल जुल कर गंगा के जल को पवित्र करने के लिए पहले आप जागरुक हों और दूसरों को भी जागरुक करें। गंगा का जल हर मजहब के लोग इस्तमाल करते हैं। आपका कर्तव्य बनता है कि गंगा पर केमिकल व अन्य प्रदूषण न फैलाएं। हम अपनी बेटी के इस कार्य का हर कदम पर सहयोग करते रहेंगे। हमें विश्वास है कि बेटी उमा कानपुर शहर में बह रही गंगा को निर्मल कर हमें आपको तोहफा जरूर देंगी।