प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद किसानों को फसल मूल्य वृद्धि सहित खाद, सिंचाई के लिए एक नई किरण जागी थी। सरकार बनने के बाद मवेशियों की वजह से किसानों की हालत खस्ता हो गयी। दरअसल मवेशियों से रबी की फसल बचाने के लिए किसान खासे परेशान हैं। रात्रि भर किसान खेंतो में खड़ी फसल के बचाव के लिए खेंतो की रखवाली करते हैं। इससे त्रस्त होकर किसानों ने फिर नया कदम उठाया। जिसके तहत किसानों द्वारा जिले के कई स्थानों पर स्कूल व स्टेडियम या फिर अस्पताल में मवेशी बंद किए जाने के प्रकरण सामने आ चुके हैं। शासन को इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद शासन की ओर से भी अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल निर्माण का निर्देश दिया गया है। साथ ही पालतू मवेशियों को अन्ना छोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान सुनिश्चित किया है।
शासन के आदेश को लेकर सक्रिय जिला प्रशासन ने भी अपने स्तर से प्रयास शुरू किए हैं। डेरापुर ब्लाक के खल्ला गांव में मुचकुंद आश्रम के पास ग्राम समाज की 7 बीघा भूमि पर गोवंश आश्रय स्थल बनाने की पहल शुरू की गई है। जेसीबी से भूमि समतलीकरण कराकर खांई खोदवाई जा रही है। ग्राम प्रधान श्याम सिंह यादव ने बताया कि तेजी से काम कराया जा रहा है। खाई बनाने के बाद शेड व चारा तथा पानी का प्रबंध यहां किया जाएगा। इससे आवारा मवेशी खुले में नही घूम सकेंगे। इससे किसानों की फसलों को बर्बाद नहीं करेंगे। तहसीलदार रामस्वरूप से बताया कि तेजी से आश्रय स्थल बनाने को कहा गया है। जल्द समस्या का निवारण होगा।