पंडित शंकर दयाल त्रिवेदी के अनुसार श्री गणेश की दो पत्नियां सिद्धि और बुद्धि थी। उन्होंने बताया कि शिव पुराण के अनुसार सिद्धि और बुद्धि विश्वरूप की पुत्री थी। सिद्वि कार्यो को पूरा करने में सहायक होती है, जबकि बुद्धि ज्ञान में वृद्धि करती है। श्री गणेश के दो पुत्र क्षेम और लाभ थे। क्षेम पूण्य, धन आदि को सुरक्षित रखते है। उनमें उत्तरोत्तर धीरे धीरे वृद्धि करते है। लाभ अपने भक्तों के धन वैभव यस में विधि करते हैं।