बिठूर को उठानी पड़ रही सबसे ज्यादा मार
पिछले कुछ दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। गंगा और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश कर गया है, जिसके चलते अकेले कानपुर में बीस हजार से ज्यादा की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा बाढ़ की मार बिठूर विधानसभा क्षेत्र के गांवों को उठानी पड़ रही है। यहां के दर्जनों गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आने से जमीदोज हो गए हैं तो खेतों में खड़ी फसल गंगा के पानी में बह गई है। लाखों की कीमत के मवेशी भी जल पहल के काल में समा गए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की टीमें बिठूर के कई गांवों में मौजूद हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर डीएम विजय विश्वास पंत भी आज ट्रैक्टर के जरिए कई गांवों का दौरा किया और लोगों को राहत सामाग्री बांटी।
कम हो रहा है पानी
जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए राहत शिविर बनाये हैं, जिसमें करीब एक हजार से ज्यादा परिवार शरण लिए हुए हैं। कुछ गावो के ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अभी राहत शिविर में आने के बजाय अपने घरो में ही रह रहे हैं। उन तक राहत कैसे पहुचायी जाए इसके लिए डीएम ने ट्रैक्टर से पूरे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो का दौरा किया । डीएम विजय विश्वाश पंत का कहना है कि निरिक्षण के दौरान काफी राहत दिखाई पड़ रही है। गुरूवार की अपेक्षा शुक्रवार को पानी का बहाव कम रहा। अगर तीन चार दिनों तक बरसात नहीं हुयी तो स्थिति सामान्य होने लगेगी। डीएम ने बताया कि राहत शिविरों में ग्रामीणों को हर संभव मदद पहुंचाई गई है। पानी निकासी के बाद ग्रामीणों के नुकसान का आकलन करा उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। प्राकृतिक आपदा की घड़ी में सरकार और प्रशासन जनता के साथ है।
ट्रैक्टर के जरिए अनाज का वितरण
डीएम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में नाव के जरिए राहत समाग्री नहीं पहुंचाई जा सकती। इसलिए हमने आज पहले ट्रैक्टर के जरिए उन गांवों का निरीक्षण किया और अब इसी से ग्रामीणों को सूखा आनाज पहुंचाया जाएगा। डीएम ने बताया कि बाढ़ के चलते गांवों में संक्रमण बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ा है। इसलिए पहले से ही डॉक्टर्स की टीमों को इन गांवों में तैनात कर दिया गया है। डीएम ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप कम करने के लिए गावो में मेडिकल कैम्प लगाया लगाकर दवा का छिड़काव करवाया जाएगा। डीएम ने बताया कि अभी कटरी क्षेत्र के सरकारी स्कूल बंद रहेंगे और पानी निकासी के बाद फिर से खोले जाएंगे। जो स्कूल बाढ़ के चलते ढह गए हैं उनकी सूची तैयार करवाई जा रही है। उनका जल्द से जल्द निर्माण करवाया जाएगा।