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कानपुर

सवा लाख आवारा कुत्तों का राज, 15 सौ लोगों को बनाते शिकार

सीतापुर में आदमखोर कुत्तों ने ली कईयों की जान, फिर भी नहीं जागा नगर निगम विभाग

कानपुरMay 14, 2018 / 09:55 am

Vinod Nigam

सीतापुर में आदमखोर कुत्तों ने ली कईयों की जान, फिर भी नहीं जागा नगर निगम विभाग
कानपुर। पिछले कई माह से यूपी के सीमापुर में आवारा कुत्तों का कहर जारी है। अब तक वहां करीब आधा दर्जन मासूमों को वह अपना शिकार बना चुके हैं। कानपुर भी उसी मुहाने पर खड़ा है। लाखो की संख्या में ये आवारा घातक कुत्ते शहर की सड़कों पर धमा चौकड़ी मचाते हैं। राहगीरों आएदिन आवारा कुत्ते अपने नुकीलें दातों से काटकर उन्हें घायल कर रहे हैं तो स्कूली बच्चों को दौड़ाकर उन्हें कांट रहे हैं। जिले के सरकारी व प्राईव्ेट अस्पतालों से हर महीने भारी मात्रा में निकलने वाला मेडिकल बायोवेस्ट इन आवारा कुत्तो को आक्रामक बना रहा है। बावजूद मेयर प्रमिला पांडेय इन्हें ज्यादा खतरा नहीं मानती। जबकि पूर्व नगर आयुक्त अविनाश सिंह भी कुत्तों का नाम सुनते ही मौन धारण कर लिया।
आधा दर्जन मासूमों की ले चुके हैं जान
सीतापुर में रविवार को एक बच्ची को आवारा कुत्तों ने मौत के घाट उतार दिया। जिले में अब तक आधा दर्जन मासूम कुत्तों के चलते अपनी जान गवां चुके हैं। यही हालत कानपुर में भी हैं। शाम होते ही आवारा कुत्ते सड़कों पर धमाचौकड़ी मचाने लगते हैं। राहगीरों और मासूम को भौंकते हुए दौड़ा लेते हैं तो मौका मिलते ही काट भी लेते हैं। गर्मी के मौसम में यह स्थित और भवायह हो रही है। सदी में यह कुत्ते कहीं न कहीं सिकुड़ कर बैठ जाते हैं। पर गर्मी आते ही यह बाहर निकल आते हैं। एक आंकड़े के अनुसार कानपुर में सवा लाख आवारा कुत्ते आमशहरी के लिए मुसीबत बने हुए हैं। कुत्तों के काटने से जहां बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है तो वहीं दौड़ाने से हादसे भी होते हैं। इसके बावजूद कानपुर की मेयर व नगर निगम के अफसरों के कानों में जूं नहीं रेंगी। मेयर ने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए हमारे पास औजार नहीं हैं। जल्द ही अभियान चलाया जाएगा और इनको पकड़ कर कांझा हाउस में रखकर नसबंदी कराई जाएगी।
डब्ल्यूएचओ कर रिपोर्ट के बाद भी नहीं चेते
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़ कानपुर में करीब 39 व्यक्ति पर एक कुत्ता है। यानी शहर की कुल आबादी पर सवा लाख आवारा घातक कुत्ते आफत बने हुए है। सर्दियों के मौसम में तो कुत्ते सिकुड़ कर दुबक कर सोते रहते है लेकिन गर्मियों के मौसम में ये सड़को पर आकर आक्रामक हो जाते है। अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट खाकर ये आवारा कुत्ते आक्रामक हो जाते है और राहगीरों को अकारण भौंकते हुए दौड़ा लेते है और काट खाते है । सीतापुर में आदमखोर कुत्तो ने कई बच्चो को जान से मार डाला जिसपर मुख्यमंत्री ने इनपर लगाम कसने को कहा, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद शहर के जिम्मेदार सबक नहीं ले रहे है। पीड़ित राहगीर गुड्डू ने बताया कि कुछ दिन पहले उसे कुत्ते ने काट लिया। उर्सला अस्पताल में इंजेक्शन नहीं मिलने से हमें बाजार खरीदकर लगवाना पड़ा। हम सीएम से मांग करते हैं कि इन्हें पकड़ कर नसबंदी कराई जाए।
टेंडर प्रक्रिया बनी वजह
नगर निगम ने कई साल पहले आवारा कुत्तो की बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कुत्तों की नसबंदी की योजना के तहत शहर में कई क्लीनिक खोलने की योजना बनाई थी। जिसके लिए टेण्डर डाले जाने थे, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इसी के चलते आवारा कुत्तो की जनसंख्या दिन दूनी रात चौगुनी दर से बढ़ती गई। अब जब आवारा कुत्तो की जनसंख्या सवा लाख के पार हो गई तो जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे है। पूर्व नगर आयुक्त अविनाश सिंह आवारा आक्रामक कुत्तो की बढ़ती जनसंख्या के लिए बोलते है कि कुत्तो की नसबंदी की योजना शुरू हुई थी लेकिन फिर ठन्डे बस्ते में चली गई। अब फिर से योजना की शुरुआत कराई जाएगी और नगर निगम के कैटल कैचिंग दस्तो को भी निर्देश दिए जाएंगे जिससे कि शहर के इन आवारा कुत्तो को पकड़ कर शहर के बाहर छोड़ा जा सके।
जल्द शुरू होगा अभियान
पशु चिकित्साधिकारी एके सिंह ने बताया कि आवारा कुत्तो के काटने से कई तरह की बीमारियां होने का ख़तरा रहता है, जिससे बचने के लिए नगर निगम ने आवारा कुत्तो की नसबंदी की योजना शुरू करने के लिए टेण्डर डाले जाने थे लेकिन टेण्डर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी जिससे शहर में आवारा कुत्तो की जनसंख्या लाखो पहुँच गई। बताया,ऐसे कुत्तो से रेबीज नाम की बीमारी फैलने का बहुत ख़तरा रहता है। नगर निगम में कुत्तो की नसबंदी के लिए 615 प्रति कुत्ते के लिए टेण्डर प्रक्रिया होनी थी जो कई साल बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई। मेयर प्रमिला पांडेय ने बताया कि इसी माह डेंटर प्रक्रिया फिर से शुरू कराई जाएगी और कुत्तों की नसबंदी कराने के साथ ही उन्हें पकड़ने का अभियान पूरे शहर में चलाया जाएगा। सिविल लाइंस स्थित कांझा हाउस के बाड़े में इन्हें रखा जाएगा। रविवार को तीन दर्जन कुत्तों को पकड़ा गया है और कांझी हाउस में रखा गया है।

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