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कानपुर

मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की रोडवेज में लगा दीमक, पैसे लेकर दी जाती है बस की स्टीयरिंग

फजलगंज डिपो में संविदा चालक की मौत के बाद हुआ खुलासा, बिना रिश्वत के नहीं दी जाती ड्यूटी, वेतन में भी कटौती

कानपुरJul 23, 2018 / 05:19 pm

Vinod Nigam

due to driver death the roadmap of city buses in kanpur hindi news

मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की रोडवेज में लगा दीमक, पैसे लेकर दी जाती है बस की स्टीयरिंग

कानपुर। उत्तर प्रदेश की सत्ता योगी आदित्यनाथ के हाथ में आई तो बीमार रोडवेज का इलाज करने के लिए मंत्री स्वतंदेव सिंह को जिम्मेदारी दी। मंत्री ने रोडचजे को कमाऊ तो बना दिया, लेकिन उसके अंदर बैठे भ्रष्टाचार को खत्म नहीं कर पाए। जिसके चलते संविदा चालक-परिचालक मानसिक रूप से परेशान रहते हैं और ड्यूटी लगाने के लिए महतमों को मोटी रकम दे रहे हैं, जो पैसा नहीं देता, वह कई-कई दिनों तक डिपो के अंदर बस के हैंडिल के इंतजार में पड़ा रहता है। दो दिन पहले एक संविदा चालक की फजलगंज डिपो के अंदर शव मिला। जिसके कारण साथी चालकों ने जमकर हंगामा किया और अफसरों की पोल खोल दी। चालकों का आरोप है कि बिना पैसे के किसी को ड्यूटी नहीं दी जाती। मृतक कईदिनों से डिपो में रूका था और अधिकारियों से बस देने को कह रहा था पर उन्होंने बदले में मोटी रकम की मांग कर दी और इसे से परेशान होकर उसकी मौत हो गई।
नहीं मिल ड्यूटी तो हो गई मौत
फजलगंज थाना क्षेत्र में बने सिटी बस डीपो से लोकल बसों का संचालन किया जाता है। ट्रांसपोर्ट सेवा को बेहतर बनाने और लोकल यात्रियों को समय से उनके स्थान पर पहुंचाने के लिए सिटी बस चालक पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करते हैं, लेकिन सिटी बस चालकों व परिचालकों को विभाग से नियमित ड्यूटी नहीं मिलती है,जिसकी वजह से उनकी सेलरी भी कम हो जाती है, जिसके चलते उनके घरों में रोटी नहीं पकती। जो पैसा अधिकारियों को दे देते हैं, उनके बस थमा दी जा है। लेकिन फजलगंज बस डीपो में सविंदा पर काम करने वाला रवि शुक्ला, जो बस ड्राइवर के पद पर कार्यरत था। रवि को तीन दिनों से ड्यूटी नहीं दी गई, जिससे वो मानसिक अवसाद का शिकार हो गया। रवि घर जाने के बजाए ड्ीयूटी के इंतजार में डीपो में ही रह रहा था। देर रात डीपो के अंदर ही उसकी मौत हो गयी सुबह जब लोगो को पता चला तो हड़कंप मच गया।
ड्यूटी के साथ सेलरी में भी कटौती
संविदा चालक कह मौत की भनक लगते ही एमआरएम ने उसके शव को चुपचाप घर भिजपा दिया। परिजनों ने इसकी जानकारी अन्य चालक साथियों को दी तो सभी फजलगुज डिपो आ गए और हंगमा करने लगे। मृतक रवि शुक्ला के साथी संजीव तिवारी का आरोप है कि इसको तीन दिनों से ड्यूटी नहीं दी जा रही थी जिसकी वजह से यह डीपो में ही रह रहा था ।रवि कई बार अधिकारियो के पास गया और उनसे ड्यूटी देने की बात कही लेकिन वहां से बदले में पैसे देने को कहा गया। रवि अपनी मेहनत की कमाई किसी भी हालत में नहीं देना चाहता था। सिटी बस चालकों का आरोप है कि सविंदा कर्मियों से 14700 का बांड भरवाया गया है, लेकिन केवल 5000 ही मिलता है।
बच्चों के सामने रोटी का संकट
रवि शुक्ला के परिवार में उसकी पत्नी केतकी के अलावा तीन बच्चे लक्ष्मी (5) गायत्री (3) और राहुल (2) हैं। रवि के ससुर जगदीश का कहना है कि परिवार में कोई ऐसा नहीं है, जो इन बच्चों की देखभाल करे। रवि लो फ्लोर बस चलाता था। उसने अंतिम बार 17 जुलाई को बस संख्या 4739 पर ड्यूटी की। उसने सुबह 10.55 बजे डिपो से बस निकाली और शाम 5.25 बजे बस डिपो में लाकर खड़ी की। मामले पर एआरएम मनोज शर्मा का कहना है कि अगर किसी का उत्पीड़न किया जाता है तो वह शिकायत कर सकता है जिस पर कार्रवाई की जाएगी। सभी को निर्धारित वेतन दिया जाता है। बावजूद अगर उनके वेतन को कम दिया जा रहा है तो संविदा चालक आकर शिकायत करें। जांच के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं डिप्टी एसपी आके चर्तुवेदी ने कहा कि फजलगंज सिटी बस डिपो में एक चालक की संदिग्ध हालात में मौत होने से गुस्साए चालकों व परिचालकों ने हंगा किया था। जिन्हें शांत करा दिया गया। परिवार की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली।

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