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कानपुर

साल के आखिर तक शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक एसी बसें

पीपीपी मॉडल पर १०० बसें चलाने की तैयारी कंपनियों के घाटे की भरपाई करेगी राज्य सरकार

कानपुरSep 02, 2019 / 01:09 pm

आलोक पाण्डेय

Electric Buses in kanpur

साल के आखिर तक शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक एसी बसें

कानपुर। सब कुछ ठीकठाक रहा तो इसी साल के आखिर तक शहर के लोग इलेक्ट्रिक एसी बसों में सफर कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के 11 शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की मंजूरी दे दी है। जिसमें कानपुर में १०० बसें चलाई जाएंगी। राज्य सरकार इसके अलावा तीन शहरों में अपने स्तर पर बसें चलाने पर विचार कर रही है। कानपुर के अलावा सरकार प्रदेश के 14 अन्य शहरों में दिसंबर से एसी इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी कर रही है।
पीपीपी माडल पर होगा संचालन
इन बसों के लिए टेंडर 30 अक्तूबर तक हो जाएगा और 15 नवंबर तक पात्र पाए जाने वाली कंपनियों से करार हो जाएगा। प्रदेश के 14 शहरों में पीपीपी मॉडल पर बसें चलाई जाएंगी। इसके बाद इलेक्ट्रिक एसी बसें दिसंबर से चलनी शुरू हो जाएंगी। इन बसों को चलाने वाली कंपनियों को होने वाले घाटे की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इलेक्ट्रिक वाहन चलने से पेट्रोल और डीजल की खपत कम होगी और यात्रियों को भी कम किराए में यात्रा का मौका मिल सकता है।
कंपनी का ड्राइवर और कंडक्टर सरकारी
पीपीपी मॉडल पर चलने वाली इन बसों को चलाने के लिए कंपनियों को अपना चालक रखना होगा, लेकिन कंडक्टर सरकारी होगा। पीपीपी मॉडल पर जहां भी बसें चल रही हैं वहां घाटा देखने को मिल रहा है। इसीलिए नगर विकास विभाग ने तय किया है कि चालक कंपनियां रखेंगी व कंडक्टर सरकारी होगा, आय के बारे में पता चल सके। लखनऊ, आगरा व कानपुर में 100-100 बसें चलेंगी। गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ, प्रयागराज व वाराणसी में 50-50 बसें चलेंगी। अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, गोरखपुर व झांसी में 25-25 बसें चलेंगी।
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