कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान इस संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत किए गए है। मामले में पिछले दो वर्षों से अधिक समय से सुनवाई चल रही है। अब यह अंतिम दौर में है। इसमें कई वीडियो और फोटो पेश किए गए हैं, जो उनके पास से बरामद लैपटॉप व मोबाइल में मिले थे। खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक बम धमाके के संबंध में ई-मेल से हुई बातचीत के भी पुख्ता सबूत मिले हैं।
सभी आतंकी शहर के जाजमऊ क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनके नाम दानिश, सैयद मीर हुसैन, आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी, आतिफ मुजफ्फर, फैसल, अजहर, मोहम्मद आतिफ है और इनके साथ सरगना एयरफोर्स से रिटायर्ड गौस मोहम्मद खान भी पकड़ा गया था। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के पास से मिले लैपटॉप, मोबाइल व पेन ड्राइव आदि खुफिया एजेंसी ने खंगाले तो इनमें राजस्थान व कश्मीर बॉर्डर के कई वीडियो व फोटो मिले। इसके साथ ही कई और सबूत मिले हैं, जिनसे यह साबित हुआ है कि ये सब पाकिस्तान भागने की फिराक में थे।
आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल आतंकियों ने 7 मार्च 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में बम धमाका किया था। जिसके बाद तेलंगाना व यूपी एटीएस ने मिलकर इसका खुलासा किया था। इसी मॉड्यूल का एक आतंकी सैफुल्लाह लखनऊ में हुई मुठभेड़ में मारा गया था। जबकि अन्य आतंकियों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
जांच के दौरान खुफिया एजेंसी को इस बात का पता चला था कि इन आतंकियों के संपर्क में शहर के दस से अधिक युवा हैं। जिनका ये ब्रेनवॉश कर रहे थे। चूंकि वह अपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं हुए थे, ऐसे में खुफिया एजेंसी ने उन पर कार्रवाई नहीं की थी। अधिकारियों ने उनकी काउंसलिंग की थी। उन पर निगाह रखी जा रही है।