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कानपुर

ग्रामीणों के लिए संजीवनी बना किसान का ‘कोरोना गीत’

ककवन ब्लॉक के खुर्दखोजनपुर गांव के किसान ने लिखा कोरोना गीत, इसी के जरिए लोगों को कर रहे जागरूक, लाॅकडाउन के बीच ग्रामीण भी टेंशन मुक्त।

कानपुरApr 25, 2020 / 12:28 am

Vinod Nigam

ग्रामीणों के लिए संजीवनी बना किसान का ‘कोरोना गीत’

ग्रामीणों के लिए संजीवनी बना किसान का ‘कोरोना गीत’

कानपुर। बिल्हौर बिल्हौर तहसील अंतर्गत ककवन ब्लॉक के खुर्दखोजनपुर गांव निवासी किसान रोशन लाल ने कोरोना वायरस के खिलाफ अनोखी मुहिम छेड़ी हुई है। उन्होंने कोरोना गीत बनाया और गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें महामारी के बारे में जानकारी दे रहा है। साथ ही गीत के जरिए लक्षण, इलाज और विलेन पर जीत की भविष्यवाणी कर सबका दिल जीत रहे हैं।

लिखा कोरोना गीत
किसान रोशन लाल ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते खेती-किसानी के काम पर ब्रेक लग गया। इस दौरान हमनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण पहले लाॅकडाउन के दिन सुना। मन में ख्याल आया कि जब हमारे देश के प्रधानमंत्री 135 करोड़ लोगों को बचाने के लिए 24 घंटे कार्य कर रहा है तो हमें भी कुछ करना चाहिए। इसी के बाद घर पर रखी कलम और डायरी निकाली। सात दिनों तक मेहनत की और कोरोना गीत तैयार कर लिया।

फिर गांव-गांव चौपाल
रोशन लाल ने बताया कि बेमौसम बारिश और लाॅकडाउन के चलते बिल्हौर क्षेत्र के किसानों की अधिकतर फसलें बर्बाद हो गई। कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन के वक्त किसान सहमे हुए थे। उन्हें संक्रमण से बचाने, जागरूक करने और हंसाने के लिए साइकिल लेकर हम निकल पड़े। 31 मार्च से हरदिन सुबह गांव-गांव जाते हैं और गीत के जरिए कोरोना के लक्षण, बचाव, इलाज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा डाॅक्टर, पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मियों के बारे में उन्हें जानकारी देकर मनोबल बढ़ा रहे हैं।

नहीं लांघ पाया सरहद
किसान बताते हैं कि ककवन ब्लाॅक के 70 ग्रामपंचायतों के सभी गांवों में हम अपनी कोरोना जागरूक यात्रा पूरी कर चुके हैं। हमारे साथ ही ग्रामीणों की जिम्मेदारी के कारण कोरोना बिल्हौर तहसील की सरहद लांघ नहीं पाया। कहते हैं कि हरदिन करीब दो से तीन घंटे कोरोना गीत गाते हैं। जो भी सुनने के लिए आता है वह सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करता है। रोशनलाल कहते हैं कि हमनें गीत में भी कोरोना पर जीत की भविष्यवाणी कर दी है।

15 मई के बाद काम तमाम
रोशनलाल कहते हैं कि जिस तरह से ग्रामीण सोशल डिस्टेंसिंग और लाॅकडाउन का पालन कर रहे हैं। यदि ऐसा शहरी क्षेत्र के लोग करें तो हमें यकीन है कि 15 मई के बाद कोरोना का देश से खात्मा हो जाएगा। रोशनलाल ने बताया कि कोरोना जागरूकता यात्रा हिलहाल जारी रहेगी। अब साइकिल का पहिया शहर की तरफ बढ़ेगा। कानपुर में जाएंगे और लोगों को कोरोना गीत के जरिए उन्हें जगाएंगे।

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