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कानपुर

बहू के डर से सास-ससुर बेटे को कर रहे संपत्ति से बेदखल

संपत्ति बेदखली के७०० मामलों में ४२९ दहेज उत्पीडऩ की वजह से दर्ज किए गए,बढ़ रहे मामलों को लेकर शासन ने कोर्ट के बाहर सुलह के लिए काउंसलर नियुक्त किए

कानपुरMay 20, 2019 / 11:51 am

आलोक पाण्डेय

 property evict

बहू के डर से सास-ससुर बेटे को कर रहे संपत्ति से बेदखल

कानपुर। अपनी बहू के किसी भी तरह के दावे से बचने के लिए सास-ससुर ने अपने ही बेटे को संपत्ति से बेदखल करने का रास्ता खोज लिया है। दंपति के झगड़े से बचने की कोशिश में बेटों से कानूनी तौर पर किनारा किया जा रहा है ताकि संपत्ति पर बहू का कोई हक न बन सके। पिछले 3 महीने में दर्ज किए गए संपत्ति बेदखली के 700 मुकदमों में करीब 492 मामले केवल इसलिए दर्ज किए गए हैं ताकि अगर बहू दहेज उत्पीडऩ के केस करती है तो परिवार के लोगों पर उसका असर न पड़े और संपत्ति पर भी बहू कोई दावा न कर सके।
तेजी से बढ़े संपत्ति बेदखली के मामले
एसडीएम सदर कोर्ट में संपत्ति से बेदखल करने वाले मुकदमों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। जब मुकदमों की तह और वजह की पड़ताल की गई तो अलग तरह की तस्वीर सामने आई। यह जानने की कोशिश की गई कि संपत्ति बेदखली के मामले आखिर क्यों बढऩे लगे। क्या वास्तव में सामाजिक बिखराव जैसी स्थिति है या फिर मुकदमों के पीछे कोई और वजह है। यह भी पता लगाया गया कि क्या वास्तव में बेटे अपने माता-पिता का उत्पीडऩ कर रहे हैं।
दहेज उत्पीडऩ के बाद संपत्ति बेदखली
संपत्ति बेदखली के दायर मुकदमों की केस स्टडी की गई तो पता चला ज्यादातर मामलों में पहले बहू ने दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दाखिल कर रखा था और इससे बचने के लिए माता-पिता बेटों को कानूनी तौर पर संपत्ति से बेदखल करने के लिए कोर्ट की शरण में हैं। संपत्ति बेदखली के ज्यादातर मामलों में बेटे और बहू दोनों को ही संपत्ति से बेदखल करने का मुकदमा दाखिल किया गया है।
निकाला गया बीच का रास्ता
संपत्ति बेदखली के मामले बढऩे पर प्रशासन ने बीच का रास्ता निकाला। बढ़ रहे मामलों को कोर्ट के बाहर निस्तारित करने की कोशिश शुरू की गई। शासन ने एसडीएम कोर्ट में काउंसलर की नियुक्ति कर दी है। करीब एक महीने पहले तैनात किए गए सुलह अधिकार अनिल डिमरी को काम भी सौंप दिया गया है। कुल दर्ज किए गए मुकदमों में से 50 मामले काउंसलर को भेजे गए हैं। कोर्ट में तैनात काउंसलर सप्ताह में तीन दिन सुनवाई करेंगे।
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