दूसरे चरण के परीक्षण में होगा दवा का आंकलन भारत बायोटेक ने बताया कि यह रेंडमाइज डबल ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल हैं। इस प्रकार के परीक्षण में जिन लोगों पर ट्रायल किया जाता है, उनमें से कुछ को टीका लगाया जाएगा तथा कुछ को नहीं। लेकिन किसे टीका दिया गया है और किसे नहीं दिया गया है, यह न तो लोगों को पता होता है और न ही शोधकर्ता को। जब परीक्षण की अवधि पूरी हो जाती है, उसके बाद ही पता चलता है कि किस व्यक्ति को टीका दिया गया था और किसे कोई सामान्य दवा दी गई थी। पहले चरण के ट्रायल में सिर्फ ये देखा जाता है कि जिन लोगों को दवा दी जा रही है, उनके शरीर में कोई रिएक्शन या कोई अन्य तरह का प्रभाव तो नहीं पढ़ रहा। यह टीका कोरोना के लिए फायदेमंद है या नहीं, यह इस चरण में पता नहीं चलेगा। दूसरे चरण के परीक्षण में इसका आकलन किया जाता है।
इन 12 अस्पतालों में हो रहा परीक्षण गोरखपुर और कानपुर के अलावा टीके का परीक्षण एम्स दिल्ली, एम्स पटना, किंग जार्ज हास्पिटल विशाखापट्टनम, बीडी शर्मा हास्पीटल रोहतक, जीवन रेखा हास्पीटल बेलगाम, गिल्लुरकम हास्पीटल नागपुर, एसआरएम हास्पीटल चेन्नई, निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हैदराबाद, कलिंगा हास्पीटल भुवनेश्वर और गोआ का एक अस्पताल में हो रहा है।