आंकड़ों के मुताबिक शाम चार बजे तक कानपुर रीजन में 4297 वाहनों से दोगुना टोल वसूला जा चुका था। सबसे ज्यादा बाराजोड़, खन्ना, अलियापुर, बड़ौरी और कटोघन टोल प्लाजा पर पैसा मिला। वाहन स्वामियों को दोगुने टोल की रसीदें भी दी जा रही हैं। एनएचएआई ने रात 12 बजे से फास्टैग अनिवार्य कर दिया है इसलिए रात से जो भी वाहन बगैर फास्टैग पहुंचे तो उनसे दोगुना टोल लिया जाने लगा।
दोगुना टोल चुकाने वाले वाहन चालकों का कहना है कि एनएचएआई ने फास्टैग को अनिवार्य तो कर दिया है लेकिन इसे बनवाना किसी जंग से कम नहीं है। टोल प्लाजा पर भी फास्टैग का भीषण संकट है। स्टेट बैंक पर यह खत्म हो गए हैं। वाहन स्वामी की दलीलें टोल स्टाफ सुनने को ही तैयार नहीं है।
इस मामले पर एनएचएआई अपनी बात पर अड़ा है। अफसरों का तर्क है कि दो महीने पहले से सभी को फास्टैग लेने का सुझाव दिया था। एक बार समय भी बढ़ाया जा चुका है। फिर भी कोई नहीं बनवा रहा है तो उसे दोगुना टोल का खामियाजा सहना पड़ेगा, और समय देने का सवाल ही नहीं उठता है।
अधिकतर वाहनों में फास्टैग न होने से कानपुर रीजन के सभी टोल प्लाजा पर सुबह से लेकर रात तक लंबी लाइनें लगी रहीं। जाम में फंसे वाहन सवारों ने हंगामा किया। बिना फास्टैग वाहन लेकर टोल प्लाजा पहुंचने वाले वाहन स्वामियों को दोगुना टोल भरना पड़ा। पूरे दिन वाहन सवार टोलों में अव्यवस्थाओं से जूझते रहे।
अव्यवस्थाओं के बीच लागू की गई फास्टैग व्यवस्था ध्वस्त हो गई। पहले तो कैश देने वाले वाहनों के लिए सिर्फ दो बूथ खोले गए थे, पर जाम और लंबी लाइनें लगीं तो हंगामा शुरू हो गया। एसडीएम सदर ने दोनों लेन में 4-4 बूथों को कैश देकर निकलने वाले वाहनों के लिए खुलवाया। इसके बाद भी कैश कांउटरों में वाहनों की कतारें लगी रहीं।