कानपुर. उत्तर प्रदेश में शोहदे के हौसले कितने बुलंद है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल नौ दिनों में छेड़खानी (eve teasing) व दुष्कर्म (Rape) जैसे दो मामलों में आवाज उठाने वालों को सीधे मौत के घाट उतार दिया गया। हालांकि ताजा मामले की सच्चाई से परदा उठना अभी बाकी है, लेकिन जिन परिस्थितियों में मौत हुई है, वह कई सवाल खड़े करती है। पहले दो मार्च को हाथरस (Hathras) में एक पिता की शोहदों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी बेटी की चीखों की गूंज अभी कम भी नहीं हुई थी, कि अब नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप करने वालों के खिलाफ आपत्ति दर्ज करने वाले एक पिता को एक ट्रक ने रौंद दिया, जिसमें उनकी मौत हो गई।
यह ताजा मामला कानपुर का है, जहां 13 वर्षीय नाबालिग के साथ गांव के दबंगों ने गैंगरेप किया। पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इससे पहले आरोपियों ने घर में घुसकर परिवार को धमकाया था कि वे मामले को ज्यादा तूल न दें वरना अंजाम भुगतना पड़ सकता है। अगले ही दिन पिता को एक ट्रक ने रौंद दिया, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा था या साजिश, यह जांच का विषय है, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही पीड़िता के पिता की यूं मौत होना, कई सवाल खड़े कर रहा है। आरोपियों के पिता दरोगा हैं, जो कन्नौज में तैनात है।
ये भी पढ़ें- पुलिस में नहीं हुई सुनवाई, विधानभवन के सामने महिला ने की आत्मदाह की कोशिश, दुष्कर्म का है मामला यूं हुई मौत- गांव वालों का आरोप है कि बुधवार तड़के सीओ व इंस्पेक्टर घाटमपुर सजेती थाने पहुंचे। पीड़िता व उसके पिता को अपनी गाड़ी में बैठाया और घाटमपुर लेकर निकल गए। कोतवाली जाने के बजाय पुलिस दोनों को लेकर घाटमपुर सीएचसी चली गई, जिसकी वजहें फिलहाल साफ नहीं है। समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर के सामने पुलिस की जीप से उतरते ही एक ट्रक ने किशोरी के पिता को रौंद दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
ये भी पढ़ें- बुंदेलखंड में धरती का स्वर्ग बनने की क्षमता थीः सीएम योगी जिलाधिकारी ने किया मुआवजे का ऐलान-
मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी अलोक तिवारी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा व आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही परिवार को जमीन का पट्टा देने पर भी विचार किया जा रहा है। जिलाधिकारीने कहा कि गैंगरेप के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। अभियुक्तों को भी कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।
मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी अलोक तिवारी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा व आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही परिवार को जमीन का पट्टा देने पर भी विचार किया जा रहा है। जिलाधिकारीने कहा कि गैंगरेप के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। अभियुक्तों को भी कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।