ग्राम पंचायतों में पानी की समस्या से निजात के लिए दस ब्लाकों की 31 गांवों में ग्राम पंचायतों द्वारा पाइप पेयजल परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। पंचायतें संबंधित गांव व मजरों के घरों में पानी कनेक्शन देकर निर्धारित शुल्क वसूल करती है। इस शुल्क से परियोजना का रखरखाव, मरम्मत आदि कार्य कराये जाते हैं। पिछले दिनों समीक्षा के दौरान परियोजनाओं के रखरखाव में आ रही दिक्कतों का समाधान करने के लिए तत्कालीन डीडीओ अभिराम त्रिवेदी ने पेयजल कनेक्शन बढ़ाने तथा बीडीओ के माध्यम से संबंधित ग्राम प्रधानों को जल संयोजन का शुल्क वसूल करते हुए निर्धारित प्रारूप पर प्रतिमाह देने के निर्देश दिये थे। इसके बावजूद मार्च तक 18 पेयजल परियोजनाओं में संयोजनों की संख्या शून्य है। वहीं बीडीओ भी पूर्व के निर्देशों को ठंडे बस्ते में डालकर बैठ गए हैं।
इससे पेयजल परियोजनाओं का अनुरक्षण नहीं हो पा रहा और वह ठप होने की कगार पर पहुंच रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक इनमें शून्य कनेक्शन हैं। बनीपारा महाराज, बारा, मूढ़ादेव, घनारामपुर, खानचंद्रपुर, कुरवाखुर्द, रनियां, असालतगंज, अजनपुर इंदौती, मितई निवादा, हरिहरपुर, बरौली, बील्हापुर, कैथरा, पुरैनी, रंजीतपुर, नौला कटरा तथा खासबरा में कनेक्शनों की संख्या शून्य है। जबकि इन 13 परियोजनाओं में सिर्फ 981 कनेक्शन हुए हैं, जिनमें पेयजल परियोजना फत्तेपुर रोशनाई में 210 कनेक्शन, अहमदपुर स्योंदा 150, सीधामऊ 60, मानपुर 74, मानपुर डेरा 60, नैनापुर 30, रसधान 60, जारी 10, चांदापुर 20, चकचालपुर 30, फत्तेपुर 50, खल्ला 175 तथा हारामऊ परियोजना में 52 पेयजल कनेक्शन आदि हैं।
डीडीओ डॉ. प्रद्युम्न कुमार यादव ने बताया कि ग्राम समूह से संचालित 18 पेयजल परियोजनाओं में एक भी कनेक्शन न होना गंभीर विषय है। इसकी जानकारी कराते हुए कार्रवाई की जाएगी।