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कानपुर

थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों के इलाज को मिला भारी बजट

मरीज के लिए बाहर से नहीं मंगानी पड़ेगी दवा और ब्लड बैग
हैलट के बाल रोग विभाग में इलाज की सारी सुविधाएं उपलब्ध

कानपुरFeb 01, 2019 / 01:44 pm

आलोक पाण्डेय

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थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों के इलाज को मिला भारी बजट

कानपुर। आखिरकार थैलेसीमिया से पीडि़त मरीजों पर भी शासन मेहरबान हो गया। मिल रही शिकायतों के चलते मरीजों को राहत देने के लिए नगर को जारी बजट मेडिकल कॉलेज को ट्रांसफर कर दिया गया। जिससे अब इस बीमारी से पीडि़त बच्चों के इलाज में सहूलियत मिलेगी।
थैलेसीमिया रोग
यह रोग जिसे होता है उसके शरीर में खून की गंभीर कमी हो जाती है। शरीर में रेड ब्लड सेल की अवधि २० से २५ दिन रह जाती है, जबकि स्वस्थ शरीर में इसकी औसत अवधि १२० से १२५ दिन होती है। इसी वजह से मरीज की जान को भी खतरा हो जाता है।
पांच जिलों में इस्तेमाल हो रहा बजट
थैलेसीमिया के बजट का पांच जनपदों में इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें कानपुर भी शामिल है। यहां शिकायत मिल रही थी कि बजट जारी होने के बावजूद मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। जिसके बाद बजट मेडिकल कॉलेज को दिया गया। सितम्बर में जारी किए गए ३८ लाख के बजट से मरीजों को मुफ्त में सारी सुविधाएं दी जाएंगी।

तय मद में खर्च हो बजट
राष्ट्रीय हेल्थ मिशन ने बजट बढ़ाने के साथ-साथ इसे खर्च करने के लिए मद भी निर्धारित की है, जिससे इस बजट को दूसरी जगह खर्च न किया जाए। इससे ब्लड ट्रंासफ्यूजन के लिए फिल्टर, आयरन की डोज देने में अब कोई रुकावट नहीं आएगी। हैलट के बाल रोग विभाग में थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों का पूरा इलाज किया जाएगा। बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने बताया कि केंद्र द्वारा जारी बजट से सभी मरीजों को मुफ्त में सभी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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