कानपुर से इस विधानसभा सीट के लिए दर्जनों दावेदार भाजपा से ही उठ खड़े हुए हैं। यही वजह है कि पार्टी ने अभी तक इस सीट पर कोई प्रत्याशी तय नहीं किया है। मुख्यमंत्री के कानपुर दौरे में भी कई दावेदारों ने सीएम के सामने शक्तिप्रदर्शन कर अपनी दावेदारी पक्की कराने की कोशिश की थी, पर सीएम पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने मानो ऐसा संकेत देने की कोशिश की थी कि टिकट मांगने से नहीं मिलेगा, यह निर्णय पार्टी ही करेगी।
सांसद सत्यदेव पचौरी तीन बार से गोविंदनगर विधानसभा सीट जीतते चले आ रहे हैं। इसलिए वह हर हाल में सीट अपने हाथ में ही रखना चाहते हैं। यही वजह है कि खुद सांसद बनने के बाद वे अब इस सीट पर अपने बेटे अनूप पचौरी को यहां से विधायक बनाना चाहते हैं। इसी कारण पिता के सांसद बनते ही अनूप ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी थीं।
अनूप पचौरी के लिए नामांकन पत्र लिए जाने के बाद टिकट की आस लगाए बैठे दूसरे नेताओं में भी हलचल मच गई है। यह भी पता चला है कि अनूप ने दो दिन पहले ही नो ड्यूट सर्टिफिकेट भी बनवाया है। इसके चलते दूसरे दावेदारों ने भी भागदौड़ शुरू कर दी है। दो दिनों से अनूप पचौरी और रविवार शाम से सांसद सत्यदेव पचौरी कानपुर से बाहर ही हैं।