आरटीओ का कहना है कि कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाली हरी प्लेट पर पीले रंग से अक्षर लिखवाने होंगे। इसी तरह निजी दोपहिया और चौपहिया ई-वाहनों पर हरी प्लेट पर सफेद रंग में अक्षर लिखे जाएंगे। यह नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। अफसरों ने बताया कि अभी एक सप्ताह तक चेकिंग में ढील दी जाएगी। इसके बाद नियम नियम तोडऩे वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय स्तर पर नंबर प्लेट का रंग इसलिए बदला गया है कि ताकि ई-वाहनों की दूर से पहचान हो सके। चेकिंग में दूर से पता चलेगा कि वाहन ई-श्रेणी का है या नहीं। जबकि डीजल, पेट्रोल या गैस चलित वाहनों में निजी वाहन पर सफेद और कॉमर्शियल वाहन पर पीली नंबर प्लेट का नियम चल रहा है। इन पर नंबर काले रंग से लिखे होते हैं।
एआरटीओ प्रशासन कानपुर नगर आदित्य त्रिपाठी का कहना है कि जो ई-वाहन पहले से निकल चुके हैं, उन वाहनों के स्वामी एक माह के अंदर तय प्रारूप के मुताबिक अपने वाहन की नंबर प्लेट करवा लें। इसके बाद ही उनके वाहनों की फिटनेस होगी। विशेष तौर पर यह व्यवस्था कॉमर्शियल के साथ निजी वाहनों पर प्रभावी होगी। उन्होंने बताया कि हरा रंग ग्रीनरी यानी कि पर्यावरण का होता है। इसकी वजह से ही ई-वाहनों के नंबर प्लेट का रंग हरा रखा गया है। वैसे ये वाहन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होते हैं। इनमें न तो वायु प्रदूषण और न ही ध्वनि प्रदूषण होता है।