मतलब पुराने बिल को दोबारा मंगाकर फिर उसी बिल पर दूसरी लोड गाड़ी भेज दी जाती थी। इस तरह मंटोरा द्वारा करोड़ों रुपये का चूना सरकार को लगाया जा रहा था। मंटोरा का यह खेल लंबे अरसे से चल रहा था। जिसकी सूचना जीएसटी टीम को मिल रही थी। ज्वाइंट कमिश्नर सुशील कुमार सिंह ने बताया कि इनके कानपुर नगर स्थित हेड आफिस पर भी छापेमारी की गई है। जहां जीएसटी अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे है। बताया गया कि शुरुआती पड़ताल में परिवहन के माध्यम से टैक्स चोरी सामने आई है। अभी जांच चल रही है। आगे जांच में जो खुलासा सामने आएगा, वो बताया जाएगा। गौरतलब है कि मंटोरा ग्रुप की सभी यूनिटों पर जीएसटी की टीमें जांच पड़ताल करती रही, लेकिन इस दौरान मंटोरा ग्रुप के चेयरमैन जगदीश गुप्ता नजर नहीं आये। इस बात को लेकर मंटोरा कंपनी पर और सवालिया निशान खड़े हो गए है।
वहीं मंटोरा के मैनेजर दिलीप मिश्रा ने छापेमारी को रुटीन की छापेमारी बताते हुए जीएसटी टीम के सभी आरोपों को नकारते हुए कम्पनी में किसी प्रकार का बिलिंग के नाम पर फर्जीवाड़े को साफ नकार दिया। वहीं ग्रुप में किसी भी प्रकार के टैक्स चोरी को भी सिरे से नकार दिया।