शासन के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब नए संसाधनों के साथ नजर आएगा। इसके लिए ५० करोड़ खर्च किए जाएंगे। शासन ने जीएसवीएम और उससे जुड़े पांच अस्पतालों की दशा सुधारने का फैसला लिया है। कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों से आने वाली मरीजों की बड़ी संख्या को देखते हुए अस्पतालों में संसाधनों की पूर्ति की जाएगी। सभी अस्पतालोंं को अलग-अलग मदों में बजट जारी करने का खाका तैयार कर लिया गया है।
मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की हालत ठीक नहीं है। आवश्यक संसाधनों के अलावा हॉस्टल की मरम्मत भी कराना जरूरी हो गया है, ताकि भविष्य के डॉक्टर बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई कर सकें। ४० करोड़ रुपए से हॉस्टल का जीर्णोद्धार किया जाएगा और यूजी व पीजी गल्र्स छात्रावासों को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा।
शासन के पायलट प्रोजेक्ट में जीएसवीएम को प्राथमिकता दी गई है। कॉलेज प्रशासन द्वारा भेजे गए विभागों के ब्यौरे में न्यूरोसाइंस को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। २० करोड़ रुपए से इसका विस्तार किया जाएगा। ट्रामा मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते ऑटोमेटिक बेड उपलब्ध कराए जाएंगे। ओटी को भी हाईटेक किया जाएगा।
हैलट अस्पताल की सुरक्षा पर भी २० करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इसमें हैलट की बाउंड़्री को ऊंचा किया जाएगा। इसके अलावा पूरे अस्पताल को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा। ताकि किसी भी अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर नजर रहे और आपात स्थिति का समय से पता चल सके।