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कानपुर

स्वास्थ्य मंत्री ने निभाया वादा, मेडिकल कॉलेज को आयुर्विज्ञान संस्थान बनाने का किया ऐलान

सरकार में मंत्रालय संभालते ही रास्ता हो गया था साफ पिछली सरकार के कार्यकाल में कानपुर आकर किया था वादा

कानपुरSep 26, 2019 / 01:32 pm

आलोक पाण्डेय

स्वास्थ्य मंत्री ने निभाया वादा, मेडिकल कॉलेज को आयुर्विज्ञान संस्थान बनाने का किया ऐलान

स्वास्थ्य मंत्री ने निभाया वादा, मेडिकल कॉलेज को आयुर्विज्ञान संस्थान बनाने का किया ऐलान

कानपुर। आखिरकार इंतजार पूरा हुआ और केंद्र सरकार ने कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को स्वायत्त आयुर्विज्ञान संस्थान बनाने का ऐलान कर दिया। दिल्ली के निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में घोषणा की गई। इसका नाम भी तय कर दिया गया है। अब इसे आदर्श जीएसवीएम रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस (एजीआरआईएमएस) के नाम से जाना जाएगा। पिछली सरकार के कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज आए डॉ. हर्षवर्धन ने इसे आयुर्विज्ञान संस्थान बनाने की बात उठाई थी।
लोहिया संस्थान जैसी होगीं सुविधाएं
आदर्श जीएसवीएम रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस को एसजीपीजीआई और डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे को फरवरी वर्ष 2020 तक आयुर्विज्ञान बनाने संबंधी सारे कार्य पूरे करने के आदेश दिए हैं।
तीन हजार क्षमता का हॉस्टल बनेगा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ. हर्षवर्धन ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी को निर्देश दिए कि हॉस्टलों का कार्य तेजी से कराएं। एजीआरआईएमएस राज्य सरकार के अंडर में रहेगा। तीन हजार क्षमता का मल्टी स्टोरी हॉस्टल ब्लाक बनेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि जेके कैंसर इंस्टीट्यूट और कार्डियोलोजी संस्थान का हिस्सा रहेंगे और इन्हें अपग्रेड किया जाएगा।
२०० बेड का ट्रॉमा सेंटर मंजूर
दो सौ बेड के ट्रॉमा सेंटर को भी मंजूरी मिल गई है। इसमें सभी इंटेसिव केयर की सुविधाएं रहेंगी। देश का पहला फोरेन क्लीनिकल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज में खुलेगा। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले यहां तीन माह की स्किल ट्रेनिंग देंगे। प्राइवेट डॉक्टर भी यहां प्रशिक्षण ले सकेंगे। डॉक्टरों और रेजीडेंट के वेतन भत्ते एम्स के बराबर हो जाएंगे।

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