औरैया जिले के नहरागूज निवासी आयुष्मान लाभार्थी सुनील कुमार मेडिसिन विभाग में इलाज चल रहा था। रविवार को अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। रोगी अपनी पत्नी और रिश्तेदार के साथ रेलवे स्टेशन पर गया। वहां तबियत फिर बिगड़ गई। घरवाले उसे लेकर सोमवार सुबह हैलट इमरजेंसी पहुंचे। रोगी की रिश्तेदार रामदेवी और पत्नी का आरोप है कि जूनियर डॉक्टर दवा लिखकर उसे भगाने लगे। मरीज की हालत ठीक न होने की बात कहने पर अभद्रता शुरू कर दी। परिजनों ने पीआरओ पल्लवी को बताया तो जूनियर डॉक्टरों ने पीआरओ से अभद्रता की। परिजनों का आरोप है कि मरीज को डॉक्टरों ने कई तमाचे मारे और सभी को धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। रामदेवी ने इसकी लिखित शिकायत ईएमओ डॉ. विनय कटियार से की। ईएमओ ने घटना प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मौर्या को बताई। इसके बाद मरीज को भर्ती किया गया।
दूसरी ओर फतेहपुर के बलियाबाग की रहने वाली रोगी ललिता देवी को स्वाइन फ्लू के शक पर जूनियर डॉक्टर भगाते रहे। रोगी रविवार रात को हैलट इमरजेंसी आई थी। पहले उसे स्त्री रोग विभाग और मेडिसिन के बीच में चक्कर कटवाते रहे। इसके बाद स्वाइन फ्लू होने का शक हुआ तो उसे आईडीएच ले जाने के लिए कहते रहे। पीआरओ जब मरीज को लेकर गए तो जूनियर डॉक्टरों ने मरीज और पीआरओ दोनों से अभद्रता की और बाहर भगा दिया। रोगी के तीमारदार अभिषेक ने हैलट के इमरजेंसी मेडिकल अफसर को लिखित शिकायती पत्र दिया है कि जूनियर डॉक्टरों ने उससे धक्कामुक्की और अभद्रता की है। बाद में सोमवार सुबह रोगी को भर्ती किया गया।
जूनियर डॉक्टरों के जन संपर्क अधिकारियों से अभद्रता के मामले में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने जांच कमेटी गठित कर दी है। जन संपर्क अधिकारियों की शिकायत है कि वे मरीजों को इलाज दिलाने के लिए उनका सहयोग करते हैं। जूनियर डॉक्टर आए दिन उनसे भी अभद्रता करते हैं। इसके अलावा हंगामा के दौरान ईएमओ डॉ. अनुराग राजौरिया के हस्तक्षेप न करने पर भी रोष व्यक्त किया गया। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक हैलट डॉ. आरके मौर्या ने कहा रेजीडेंट डॉक्टर कंट्रोल में नहीं आ रहे हैं। घटनाएं बराबर हो रही हैं। अगर नहीं मानेंगे तो उनके अस्पताल आने पर रोक लगाई जाएगी। प्राचार्य को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरि को पत्र लिखकर आख्या मांगी है। इसके बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।