शहर में मेट्रो स्टेशनों का काम शुरू करने के लिए एचबीटीयू में अस्थाई तौर पर निर्माण सामग्री रखने का प्रस्ताव लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने किया था। इस पर शुरू में सहमति तो बनी थी मगर एनओसी नहीं जा हो रही थी। इस वजह से मेट्रो स्टेशनों का टेंडर लेने वाली कंपनी एफ्कॉन इंफ्रास्ट्रक्चर को पिछले कई दिनों से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। कई मशीनें यहां आईं तो खोली नहीं जा सकीं थीं तो कई मशीनों के रखने का प्रबंध न होने के कारण यहां लाई ही नहीं जा सकीं थीं। इसी तरह एलएमआरसी की भी ढेर सारी सामग्री लखनऊ से यहां नहीं आ पाई थी। राजकीय पॉलीटेक्निक में यार्ड बनाने का कार्य होने के कारण वहां सामान को तीन वर्षों तक रखना संभव नहीं था। अब इस संबंध में शासन द्वारा लिए गए निर्णय से आईआईटी से मोती झील के बीच स्टेशन और एलीवेटेड ट्रैक बनाए की एक बड़ी बाधा समाप्त हो गई है।
दूसरी ओर राजकीय पॉलीटेक्निक में यार्ड का निर्माण करने के लिए पांच कंपनियों ने टेंडर डाले हैं। मंगलवार की शाम को पांच बजे सारे टेंडर खोल लिए गए हैं। अब टेक्निकल बिड की जांच होगी। इसके बाद फाइनेंसियल बिड की जांच में जो कंपनी खरी उतरी उसके बारे में एलएमआरसी की टेंडर कमेटी निर्णय लेगी। टेंडर डालने वालों में बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी हैं। बताते चलें कि यार्ड के निर्माण के लिए 105 करोड़ के टेंडर निकाले गए थे।