डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीटीआई) ने इनोवेशन सेंटर में सेंसरयुक्त कपड़ों पर अनुसंधान के लिए उत्तरप्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान को 60 लाख रुपये अनुदान दिया है। इसके लिए वरिष्ठ प्रोफेसरों के निर्देशन में पीएचडी व एमटेक छात्रों की टीम बनाई जा रही है, जो सेना के जवानों के लिए उपयोगी इस स्मार्ट क्लाथ को तैयार कर सकें।
जवानों की वर्दी में ऐसे सेंसर इस्तेमाल किए जाएंगे जो धुलाई में डिटर्जेंट से खराब न हों। प्रोजेक्ट प्रमुख व उत्तरप्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सेंसर व चिप युक्त वर्दी पहने सैनिकों की लोकेशन यूनिट के अधिकारी कभी भी पता कर सकेंगे। इसके लिए फ्लेक्सिबल सेंसर का इस्तेमाल किया जाएगा, जो जैकेट व ट्राउजर में इनबिल्ट रहेंगे।
कपड़ों पर इस तरह से सेंसर व उपकरण लगाए जाएंगे जिससे इन स्मार्ट कपड़ों को पहनने में दिक्कत न हो। इनोवेशन सेंटर में ऐसे सेंसर का इस्तेमाल किया जाएगा, जो भारतीय जलवायु के अनुरूप काम कर सकें। ये सेंसर सेना के विशेष सिक्योरिटी फीचर से लैस होंगे जिसके कोड को सिर्फ सेना ही डिकोड कर पाएगी। सेंसर बैट्री व वायरलेस से जुड़े रहेंगे जो इन कपड़ों को पहने जवान की लोकेशन बताएंगे। इसके लिए फ्लेक्सिबल बैटरी की जाएगी।
प्रयोगशाला में ऐसे कपड़े विकसित करने पर काम चल रहा है जो पसीने की दुर्गंध का अहसास नहीं होने देंगे। इसमें तुलसी, नीम व एलोवेरा इस्तेमाल के साथ शोध किया जा रहा हैं। शोध के दूसरे भाग में नैनो सिल्वर प्रॉपर्टी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत सिल्वर क्लोराइड व सिल्वर जिंक के जरिए रासायनिक क्रियाएं कराकर कपड़े को ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा ताकि नैनो सिल्वर प्रॉपर्टी से तैयार कपड़ा लंबे समय तक अपने गुण को संजोए रखे।