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कानपुर

सस्पेंड चपरासी ने कमाई के लिए पत्नी संग मिलकर किया यह गलत काम

फंसने पर आया था समझौता करने तो पुलिस ने दबोचाअब तक २५ लोगों से पति-पत्नी ठग चुके हैं एक करोड़

कानपुरFeb 18, 2020 / 02:49 pm

आलोक पाण्डेय

सस्पेंड चपरासी ने कमाई के लिए पत्नी संग मिलकर किया यह गलत काम

सस्पेंड चपरासी ने कमाई के लिए पत्नी संग मिलकर किया यह गलत काम

कानपुर। बीएसए दफ्तर के एक चपरासी को अनियमितता मिलने पर जब सस्पेंड कर दिया गया तो उसने पैसे कमाने के लिए पत्नी संग मिलकर नया धंधा शुरू कर दिया। उसने पत्नी के साथ मिलकर ऐसा खेल रचा कि दो दर्जन लोग उसके झांसे में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा बैठे। डेढ़ सालों से ज्यादा समय तक वह दोनों लोगों को चूना लगाते रहे। इस दौरान दोनों ने करीब एक करोड़ रुपए ठगे। हालांकि इस बार दांव उल्टा पड़ गया और खुद को फंसता देख जब वह समझौता करने आया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
ठगी करने वाले दंपति गिरफ्तार
नौबस्ता पुलिस ने लोगों को झांसा देकर ठगने वाले बीएसए दफ्तर के निलंबित चपरासी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपित सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक 25 लोगों से एक करोड़ रुपए ठग चुके हैं। इस बार फंसने पर वह मामला सुलटाने के लिए पीडि़त के पास आया था तभी दबोच लिया गया। नौबस्ता और घाटमपुर थाने में पहले से ही उस पर एफआईआर दर्ज हैं।
खुद को बताता था शिक्षक
जी-ब्लॉक बाबानगर निवासी मेडिकल स्टोर संचालक अवधेश शर्मा के मकान में घाटमपुर निवासी अरुण सविता ने किराए पर कमरा लिया था। पत्नी सरोज और दो बेटों के साथ रहता था। अरुण ने खुद को घाटमपुर के भीतरगांव स्थित बारीगांव प्राथमिक पाठशाला में शिक्षक बताया था। मेलजोल बढऩे पर अरुण ने अवधेश की पत्नी पूनम की सरकारी स्कूल में लिपिक की नौकरी लगवाने का झांसा देते हुए पांच लाख रुपए लिए थे।
थमा दिया फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
अरुण सविता ने पूनम को घाटमपुर के बड़ी महताइन स्थित राष्ट्रीय जनकल्याण में लिपिक की नौकरी का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दिया। वहां ज्वाइनिंग कराने जाने पर प्रबंधक ने लेटर फर्जी बताया गया। पूनम और अवधेश ने बीएसए ऑफिस जाकर छानबीन की तो लेटर फर्जी बताते हुए जानकारी दी तो पता चला कि वह अध्यापक नहीं, बल्कि चपरासी है। 28 मई 2018 से वह सस्पेंड चल रहा है। अवधेश घर पहुंचा तो अरुण के कमरे में ताला लगा मिला, जिसके बाद से लापता था।
मुकदमा दर्ज होने पर डर गया जालसाज
अवधेश ने आरोपित और उसकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे डरा अरुण पत्नी के साथ अवधेश के मेडिकल स्टोर पहुंचा। केस वापस लेने के एवज में ली गई पूरी रकम और एक लाख ज्यादा देने की बात कही। अवधेश ने हामी भरते हुए लिखापढ़ी कर केस वापस लेने का झांसा दिया और चुपके से नौबस्ता पुलिस को सूचित किया। जानकारी पर पहुंची नौबस्ता पुलिस ने आरोपित और उसकी पत्नी को घेरकर गिरफ्तार कर लिया।
ऑफिस में थी मिलीभगत
पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपितों की बीएसए ऑफिस में अच्छी पकड़ है। वहां के कुछ कर्मचारी भी आरोपित का साथ धोखाधड़ी और जालसाजी में देते हैं। बीते वर्ष जिस दिन अवधेश बीएसए ऑफिस अरुण के बारे में जानकारी जुटाने पहुंचे थे, उसी दिन अरुण को कारस्तानी के खुलासे की भनक लग गई थी। अवधेश घर पहुंच पाते, इससे पहले किराए के कमरे में ताला डालकर अरुण परिवार समेत भाग गया था। पीडि़त लोगों को किया गया एकजुट अरुण ने कानपुर के कई लोगों को नौकरी का झांसा दे शिकार बनाया है।
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