आईआईटी में बनी अत्याधुनिक लैब को कई बार हैक करने की कोशिश की जा चुकी है। उन देशों को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। लैब में कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के हेड डॉ. संदीप शुक्ला साइबर सुरक्षा को लेकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईआईटी की लैब पर कई देशों से एजेंसियां और हैकर नजर रख रहे हैं। ऐसे में भारत के अन्य मंत्रालय और संवेदनशील एजेंसियों पर कितना खतरा है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
आईआईटी कानपुर मेंचल रहे शोध कार्य सिर्फ इंडस्ट्री नहीं बल्कि सरकारी तंत्र, महत्वपूर्ण एजेंसियों को भी साइबर सुरक्षा प्रदान करने करने के लिए किए जा रहे हैं। नेशनल साइबर सिक्योरिटी के कोआर्डिनेटर लेफ्टिनेंट जनरल आईआईटी पहुंचे और उन्होंने सी3आई लैब का निरीक्षण करने के साथ साइबर अटैक को रोकने पर चल रहे सभी शोध का भी जायजा लिया।
आईआईटी कानपुर में अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब बनाई गई है। वर्तमान में संस्थान के वैज्ञानिक क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को साइबर अटैक से सुरक्षित रखने पर कार्य कर रहे हैं। देश में चल रहे आधार कार्ड, सेंट्रल मॉनीटरिंग सिस्टम, एनएटीग्रिड और डीआरडीओ नेत्र को साइबर रूप से सुरक्षित रखने के लिए नेशनल साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर के कोआर्डिनेटर लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत आईआईटी आए। उन्होंने संस्थान के उपनिदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, सी3आई लैब के इंचार्ज डॉ. संदीप शुक्ला और उनकी टीम के सदस्यों के साथ निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर चल रहे शोध कार्यों को गंभीरता से देखा। साथ ही इस अत्याधुनिक लैब में बने सिस्टम को भी देखा, जिस पर अटैक करने वाली आईपी और संबंधित देश को ट्रेस कर रहे हैं।