239 छात्राओं को भी डिग्रियां बांटी गईं दीक्षांत समारोह को तीन चरणों में बांटा गया था। पहले चरण गुरुवार सुबह 10.30 से 11.30 बजे तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आईआईटी के पांच छात्रों को गोल्ड मेडल देकर पीठ थपथपायी। इसके बाद दूसरे और तीसरे सत्र में आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर तथा बोर्ड ऑफ गर्वनर के चेयरमैन प्रो. आरसी भार्गव ने स्नातक एवं परास्नातक के समस्त शैक्षिक पाठ्यक्रमों के छात्रों को उपाधियां और मेडल्स बांटे। कुल मिलाकर दीक्षांत समारोह में 1576 छात्रों को डिग्री मिलीं, जिनमें 239 छात्राएं तथा 1337 छात्र हैं। उपर्युक्त संख्या में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के जरिए बीटेक करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा (505) है। इस मौके पर संस्थान के निदेशक ने बताया कि इस सत्र में आईआईटी कानपुर ने कैंपस प्लेटमेंट में सबसे शानदार प्रदर्शन किया है।
कुर्ता-पायजामा में मेडल, पीएचडी वालों की लाटरी दीक्षांत समारोह को भारतीय संस्कृति के अनुसार संवारने के लिए ड्रेस कोड तय किया गया था। सभी मेधावी क्रीम कुर्ता और सफेद पायजामा पहने थे, जबकि लड़कियां क्रीम साड़ी अथवा क्रीम कुर्ता-सफेद पायजामे में नजर आईं। अलग-अलग पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए कुर्ते के ऊपर दुपट्टे का रंग अलग-अलग तय था। दीक्षांत समारोह में मेडल्स की बारिश में सबसे ज्यादा सराबोर पीएचडी कोर्स वाले छात्र हुए, जिन्हें 186 मेडल्स मिले, जोकि पिछले वर्षों की तुलना में 40 फीसदी अधिक हैं। दीक्षांत समारोह में एमएस (वाय रिसर्च) के 25 छात्रों के पहले बैच को पास-आउट करने पर मेडल्स दिए गए।