कानपुर

आईआईटी कानपुर ने तैयार की ‘गौरैया’, दुश्मनों की सीमाओं पर घुस कर करेगी जासूसी

IIT Kanpur: IIT कानपुर ने एक विशेष ड्रोन तैयार किया है। इस ड्रोन से दुश्मनों की सीमाओं पर घुस खूफिया संदेशों का पता लगा सकते हैं।

कानपुरJul 21, 2022 / 10:49 am

Snigdha Singh

Symbolic pic of Gauraiya Drone

अब दुश्मन की खूफिया संदेशों को जानने के लिए भारतीय सेना गौरैया का उपयोग करेगी। ये गौरैया कोई पक्षी नहीं बल्कि पक्षी की तरह एक नैनो ड्रोन है। इसे आईआईटी कानपुर ने तैयार किया है। आईआईटी कानपुर में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्र वसंथ ने यह नैनो ड्रोन बनाया है। सेना की जरूरतों के मुताबिक इस ड्रोन को तैयार किया जा रहा है। इसका वजम मात्र 239 ग्राम है। खास बात ये है कि जमीन से 50 मीटर ऊपर जात ही आंखों से ओझल यानि दिखाई नहीं देगी।
आईआईटी के छात्र वसंथ के अनुसार ड्रोन गौरैया आधुनिक तो है ही इसमें कई बड़ी खासियत भी हैं। जो सेना के लिए मददगार साबित होंगी। ये ड्रोन गौरैया की तरह है। ये जैसे ही ऊपर जाएगी त दिखाई नहीं देगा। इसकी आवाज तो 35 मीटर बाद ही नहीं सुनी जा सकेगी। सेना के अफसरों ने इस ड्रोन को बहुत उपयोगी बताया। पक्षी के आकार और डैनों की हरकत की वजह से रडार के लिए इसे पहचानना आसान नहीं होगा। वसंथ अब इसे सेना की मांग के मुताबिक अग्रेड कर रहे हैं। बता दें कि आईआईटी ने अबतक हॉक ड्रोन, आटो पायलट, एग्रीकल्चर और मेडिकल ड्रोन विकसित किया है।
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वजन: 239 ग्राम
गति: 120 किमी/घंटा
उड़ान क्षमता: 30 मिनट
कीमत: 1.20 लाख रुपये

उड़ान ऊंचाई: दो किमी तक
निगरानी: चार किमी का व्यास
आवाज: 35 मीटर के बाद अश्रव्य
सेना के अधिकारियों ने मां की है कि ये ड़्रोन गौरैया के आकार व रंग का हो। इसमें नाइट विजन कैमरे लगाए जाए। साथ ही रडार रोधी सेंसर जरूर हों। आईआईटी गौरैया प्रोजेक्ट के डायरेक्टर, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, प्रो. अभिषेक के अनुसार यह नैनो ड्रोन इतना छोटा है कि जेब में भी आसानी से आ सकता है। सामान्य प्रशिक्षण के बाद इसे जवान भी उड़ा सकते हैं।
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