केंद्र का शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, डीएसटी के एमआरडीएमएस प्रमुख प्रो. भूप सिंह ने संयुक्त रूप से किया। आईआईटी में स्थापित किए गए इस सेंटर में पृथ्वी के आकार का मापन भी होगा। इसके अलावा देश भर में पानी के स्टोरेज का स्थान, उसकी स्थिति का भी सेटेलाइट मैपिंग के जरिये पता किया जाएगा। केंद्र के समन्वयक प्रो. ओंकार दीक्षित ने कहा कि सेंटर में पृथ्वी से लेकर अंतरिक्ष तक के विषयों पर शोध और अध्ययन किया जा सकता है। इस अध्ययन के लिए हाइटेक लेबोरेट्री की स्थापना भी यहां की जाएगी।
इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) ने 21.14 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। एनआरडीएमएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह, नेशनल जियोडसी प्रोग्राम के चेयरमैन प्रो. बी नागाराजन, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. एसएन त्रिपाठी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डीन प्रो. एस गणेश आदि मौजूद रहे।
इस सेंटर में ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम यानी जीएनएसएस स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा। इस स्टेशन के जरिये प्राकृतिक आपदा, भूकंप, मौसम में बदलाव आदि की तत्काल प्रभाव से जानकारी मिल जाएगी। जिसकी मदद से सरकार पहले से ही सतर्क हो सकेगी।